डोनाल्ड ट्रंप बनाएंगे पांच महाशक्तियों का मंच Core 5, समूह में भारत का भी होगा दबदबा
पोलिटिको मैग्जीन का दावा, खस्ताहाल होते यूरोप का साथ छोड़ने के मूड में अमेरिका, सी5 समूह में होंगे- भारत, चीन, रूस, जापान और अमेरिका;
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नए ' Core5' (हार्ड-पावर समूह) समूह के गठन की योजना बना रहे हैं। इसमें दुनिया की पांच सबसे बड़ी महाशक्तियां होंगी, जिसमें अमेरिका, चीन, रूस और जापान के साथ-साथ भारत भी शामिल होगा। माना जा रहा है कि ट्रंप इसे जी7 समूह के विकल्प के तौर पर बनाना चाहते हैं, जिसमें यूरोप का दबदबा है। अमेरिकी प्रकाशन 'पोलिटिको' ने दावा किया है कि कोर-5 ग्रुप का पहला एजेंडा भी तय हो गया है - मिडिल ईस्ट सिक्योरिटी, जिसमें इजरायल और सऊदी अरब के बीच रिश्ते सामान्य करने पर ध्यान दिया जाएगा।
'पोलिटिको' ने बताया कि नए हार्ड-पावर समूह का विचार राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के एक लंबे, अप्रकाशित संस्करण में सामने आया था, जिसे व्हाइट हाउस ने पिछले सप्ताह प्रकाशित किया था। हालांकि, इसको लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, व्हाइट हाउस ने दस्तावेज के अस्तित्व से इनकार किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव हन्ना केली ने कहा है कि 33 पृष्ठों की आधिकारिक योजना का 'कोई वैकल्पिक, निजी या गुप्त संस्करण' मौजूद नहीं है। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस विचार में "ट्रंपवादी" झलक मिलती है।
नई विश्व व्यवस्था बनाने पर जोर
बता दें कि यह रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है, जब अमेरिका में पहले से ही बहस चल रही है कि ट्रंप प्रशासन का दूसरा कार्यकाल विश्व व्यवस्था में कितना बड़ा बदलाव लाने जा रहा है। यह विचार जी-7 और जी-20 जैसे मौजूदा वैश्विक मंचों को बहुध्रुवीय दुनिया के लिए अपर्याप्त मानता है और प्रमुख जनसंख्या और सैन्य-आर्थिक शक्तियों के बीच समझौते करने को प्राथमिकता देता है। दरअसल अभी जी7 का सदस्य होने के लिए दो आवश्यक शर्तें हैं- वह देश अमीर हो और वहां लोकतंत्र हो। सी5 में ऐसी कोई बाध्यता नहीं होगी।
ट्रंप का अलग नजरिया दिखाता है C5
बाइडेन सरकार में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में यूरोपीय मामलों के डायरेक्टर के रूप में काम करने वाले टोरे तौसिग ने पोलिटिको को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया को अलग नजरिए से देखते हैं। वह ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो किसी विचार में न बंधा हो और जहां मजबूत देश अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए अन्य महाशक्तियों के साथ मिलकर काम करते हों। यूरोप को सी5 में शामिल न करना ये दर्शाता है कि ट्रंप रूस को एक ऐसी शक्ति के रूप में देखते हैं, जो यूरोप में अपना दबदबा कायम करने में सक्षम है।
यूरोप के साथ नाटो भी होगा खेल खत्म
ट्रंप का मानना है कि अब यूरोप और नाटो अमेरिका के लिए फायदेमंद नहीं रहे हैं। वह लंबे समय से नाटो सदस्य देशों की आलोचना कर रहे हैं और कई बार फंड में कटौती करने की धमकी भी दे चुके हैं।
क्वाड का भविष्य भी खतरे में
विशेषज्ञों का कहना है कि कोर-5 समूह के बनने का मतलब न सिर्फ नाटो, बल्कि क्वाड का भी खात्मा तय है। बता दें कि नाटो का गठन रूस के खिलाफ और क्वाड का गठन चीन के खिलाफ किया गया था, लेकिन अब ये दोनों देश अमेरिका के साथ एक ही गुट में शामिल होंगे।
आइएमएफ के मुताबिक सी5 देशों की स्थिति
अमेरिका- दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- 34.3 करोड़ की आबादी
- 30.6 खरब डालर की जीडीपी
- 2.8% जीडीपी विकास दर
चीन- दुनिया की दूसरी बड़ी आर्थिकी
- 141 करोड़ की आबादी
- 19.4 खरब डालर की जीडीपी
- 5% जीडीपी विकास दर
जापान- दुनिया की चौथी बड़ी इकोनमी
- 12.4 करोड़ की आबादी
- 4.28 खरब डालर की जीडीपी
- 1.1% जीडीपी विकास दर
भारत- दुनिया की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति
- 140 करोड़ की आबादी
- 4 खरब डालर की जीडीपी
- 6.5% जीडीपी विकास दर
रूस- दुनिया की नौंवी बड़ी अर्थव्यवस्था
- 14.6 करोड़ की आबादी
- 2.5 खरब डालर की जीडीपी
- 4.1% विकास दर