भारत की संस्कृति, धर्म अविरल है : स्वपन दासगुप्ता

भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता का कहना है कि भारत ऐसा नहीं हो सकता कि अपनी संस्कृति से पूरी तरह से वंचित हो;

Update: 2020-01-23 22:31 GMT

कोलकाता। भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता का कहना है कि भारत ऐसा नहीं हो सकता कि अपनी संस्कृति से पूरी तरह से वंचित हो। भारत का निश्चित अस्तित्व है और भारत माता उस निरंतरता का हिस्सा हैं। दासगुप्ता, केंद्र में सत्तारूढ़ दक्षिणपंथी पार्टी भाजपा के थिंक टैंक के मुख्य सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, "मैं नहीं मानता कि आपके पास एक ऐसा भारत हो सकता है जो पूरी तरह से अपनी संस्कृति से वंचित है और एक कानूनी दस्तावेज के रूप में बना है। वी.डी. सावरकर के हवाले से भारत एक समझौता राष्ट्र नहीं है। भारत का एक निश्चित अस्तित्व है, जो भारतीय गणराज्य के पहले से है।"

दासगुप्ता ने बुधवार शाम यहां टाटा स्टील कोलकाता लिटरेरी मीट के एक सत्र में भाग लेते हुए कहा, "अगर आप उसे स्वीकार करते हैं तो भारत माता उस निरंतरता का हिस्सा हैं।"

पत्रकार से राजनेता बने स्वपन दासगुप्ता के अनुसार, भारत माता को वास्तव में प्रतीक के तौर बनाया गया है, लेकिन भारत माता का निर्माण अपेक्षाकृत आधुनिक है।

उन्होंने कहा, "भारत का भूगोल और तीर्थस्थल कमोबेश एक-दूसरे से जुड़े हैं। अब ये सब हमारे वंशानुक्रम में हैं, ये हमारी संस्कृति में भी हैं, जिसे आप धर्म कहते हैं, क्योंकि दोनों के बीच अलगाव बहुत महीन है।"

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