निवेश और खपत बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी रहेगी तेजी: आरबीआई गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से बुधवार को कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसकी वजह देश का मजबूत आधार और बढ़ती हुई खपत और निवेश है;

Update: 2024-10-09 12:30 GMT

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से बुधवार को कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसकी वजह देश का मजबूत आधार और बढ़ती हुई खपत और निवेश है।

दास के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान करते हुए दास ने कहा कि जीडीपी में निवेश की हिस्सेदारी 2012-13 के बाद से अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

गवर्नर ने कहा, "आने वाले समय में भारत की वृद्धि दर मजबूत रहेगी, क्योंकि अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश दोनों तेजी से बढ़ रहा है।"

आपूर्ति में ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 8 प्रतिशत रहा है, जो कि जीडीपी की विकास दर से ज्यादा है। इसमें बढ़त की वजह इंडस्ट्रियल और सर्विसेज सेक्टर में गतिविधि बढ़ना है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर बता रहे हैं कि घरेलू अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी बनी हुई है। प्रमुख घटक जैसे कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज मजबूत बनी हुई है।

दास ने आगे कहा कि अच्छे मानसून से कृषि क्षेत्र की विकास दर को सहारा मिल रहा है। खरीफ की फसलों की अच्छी बुआई हुई है। घरेलू मांग में सुधार होने के कारण मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में मजबूती बनी हुई हैं।

आरबीआई के मुताबिक, सरकारी खपत में सुधार हो रहा है और सरकारी खर्च में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कमी के बाद इसमें बढ़त देखी जा रही है और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश लगातार बढ़ रहा है।

केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में घरेलू खपत अधिक तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इसकी वजह महंगाई में कमी आना और ग्रामीण मांग में सुधार होना है।

 

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