राजधानी में बढ़ती आबादी के मद्देनजर प्लॉटो का समावेश किया जाना

दिल्ली जैसे शहर में रिहायश के लिए खाली स्थान का अभाव है;

Update: 2018-01-05 13:09 GMT

नई दिल्ली।  दिल्ली जैसे शहर में रिहायश के लिए खाली स्थान का अभाव है। लिहाजा बढ़ती हुयी आबादी के मद्देनजर प्लॉटो के समावेश की जरूरत है। उक्त बातें उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे पत्र में कही है। पत्र में 250 वर्ग मीटर तक के प्लाटों को समावेश करने के बाबत मंजूरी मांगी गई है। 

तिलकराज कटारिया ने बताया कि वर्तमान में 50 वर्गमीटर से 250 वर्गमीटर तक प्लॉटों के लिए भूमि कवरेज 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत व फ्लोर एरिया रेशो 300 है। केंद्र सरकार को 100 प्रतिशत तक ग्राउंड कवरेज बढ़ाने तथा फ्लोर एरिया रेशो को 400 तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

सरकार को दो प्लॉटों के समायोजित करने की योजना के तहत 250 वर्गमीटर तक के प्लॉट को कवर करने का अनुरोध किया गया है। यह योजना वर्तमान में 32 वर्गमीटर, 48 वर्गमीटर, 64 वर्गमीटर तक के माप वाले प्लॉटों पर लागू होती है। कटारिया के मुताबिक दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के शीर्ष रिहायशी क्षेत्रों में  भवन व भवनों के नियत्रंण की धारा 4.4.3 के तहत  दो प्लॉटों को जोड़कर 64 वर्ग मीटर तक के समावेश का प्रावधान है।

 

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