जिला मुख्यालय के उद्यान रख-रखाव के अभाव में बदहाल

गर्मी आते ही लोगों को उद्यानों की सुध आ ही जाती है। जो अक्सर सुबह अथवा शाम के वक्त टहलने से मानसिक शांति का अहसास कराता है;

Update: 2018-04-27 12:04 GMT

जांजगीर। गर्मी आते ही लोगों को उद्यानों की सुध आ ही जाती है। जो अक्सर सुबह अथवा शाम के वक्त टहलने से मानसिक शांति का अहसास कराता है। मगर जिला मुख्यालय में लाखों रूपए की लागत से निर्मित बालोद्यान विभागीय उदासीनता के चलते जर्जर होने लगा है।

नगर पालिका जांजगीर-नैला द्वारा बीटीआई चौक के पास बीडीएम गार्डन व डीईओ कार्यालय के पास सरदार पटेल उद्यान में हर साल मरम्मत के नाम पर लाखों रूपए खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके यहां अव्यवस्था का माहौल है।

विभागीय उदासीनता के चलते यहां न तो शौचालय की कोई उचित व्यवस्था और न ही यहां पहुंचे लोगों को बैठने का कोई उचित प्रबंधन। वहीं रख रखाव के अभाव में यहां लगे झूले टूट गए हैं।

रोज सुबह होते ही शहर के लोग दो पल की शांति और बेहतर माहौल की चाह लेकर शहर में संचालित उद्यान का रूख करते हैं। वहीं दूसरी ओर शाम होने के साथ ही गार्डनों में बच्चों की चहल-पहल आम है। शहर के लोगों को सुव्यवस्थित उद्यान मुहैया कराने के लिए नगर पालिका जांजगीर नैला द्वारा लाखों रूपए खर्च कर डीईओ कार्यालय के पास व बीटीआई चौक में बीडीएम गार्डन का बनाया गया, ताकि शहर के लोगों को इसकी सुविधा मिल सके, लेकिन विभागीय उदासीनता का खामियाजा लोगों को भुगतान पड़ रहा है।

हालांकि नगर पालिका जांजगीर-नैला द्वारा बीडीएम व सरदार पटेल उद्यान की देखरेख व रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदारों को दी गई है, लेकिन विभागीय उदासीनता व ठेकेदार की मनमानी के चलते उद्यान जर्जर हो रहे हैं। यहां अधिकांश लाइटों के फ्यूज होने के चलते पूरी रात अंधेरा पसरा रहता है। वहीं ठेकेदारों की उदासीनता के चलते गार्डन में बच्चों के लिए लगाए गए झूले भी टूटने लगे हैं। यहां लगे पाथ-वे भी टूटने लगे हैं। 

नगर पालिका द्वारा लोगों के सुलभ शौचालय की व्यवस्था की गई, लेकिन ठेकेदारों की मनमानी के चलते इसका अब तक उपयोग नहीं हो सका। ऐसे में बिना उपयोग के शौचालय भी जर्जर होने लगे है, हालांकि नगर पालिका द्वारा हर साल गार्डन के रख-रखाव के लिए टेण्डर जारी कर लाखों रूपए खर्च किया जाता है, बाजवूद इसके स्थिति जस की तस बनी है।

नगर पालिका की उदासीनता व ठेकेदारों की मनमानी के चलते शहर के उद्यानों से लोगों का मोह भंग होने लगा है। शहर के जर्जर हो रहे बीडीएम गार्डन व सरादार पटेल की मरम्मत व व्यवस्था सुधार के लिए जाज्वल्य जनशक्ति सोसयटी द्वारा सीएमओ को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र मरम्मत कराने की मांग की है।
 

कबाड़ में तब्दील हो रहा म्यूजिकल फांउटेन
नगर पालिका जांजगीर नैला द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल उद्यान में पहुंचे लोगों को बेहतर माहौल देने के लिए लाखों रूपए खर्च कर म्यूजिकल फांउटेन सिस्टम लगाया गया है, लेकिन विभागीय उदासीनता व रखरखाव ठेकेदार की मनमानी के चलते महीनों से बंद पड़ा है, हालांकि नगर पालिका द्वारा साल दो साल में मरम्मत कराने की औपचारिकता भी पूरी कर ली जाती है।

वहीं कुछ माह चलने के बाद फिर बंद पड़ जाता है। ऐसे में लाखों रूपए खर्च के बाद भी नगरवासियों को म्यूजिकल फांउटेन की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

कचरों से अटा तिवारी उद्यान
नगर पालिका जांजगीर नैला द्वारा कचहरी चौक के पास जगदीश प्रसाद तिवारी स्मृति बालोउद्यान बनाया गया है, लेकिन नगर पालिका द्वारा इसकी देखरेख नहीं की जाती। नगर पालिका की उदासीनता के चलते उद्यान के आसपास संचालित ठेला, दुकानों से निकलने वाला सारा कचरा यहां डम्प कर दिया जाता है, ऐसे में उद्यान में कचरे का अंबार लगा है।

केंटिन के बिना संचालित हो रहा उद्यान
नगर पालिका द्वारा कुछ साल पूर्व सरदार पटेल उद्यान में लोगों के लिए केंटिन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन कुछ माह चलते के बाद ठेकेदार द्वारा कैंटिन का संचालन बंद कर दिया गया। वहीं पिछले कुछ सालों से यहां कैंटिन का संचालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यहां पहुंचे लोगों को बाहर से खाने पीने की चीजें खरीदना पड़ रहा है। वहीं नगर पालिका को राजस्व का नुकसान भी हो 
रहा है।

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