'लॉकडाउन' में 'बेबी-ब्यॉय' ने पुलिस जिप्सी में ही ले लिया जन्म 

 कोरोना सी त्रासदी और लॉकडाउन सी पाबंदी में जब देश हलकान है। जि़ंदगी महफूज रखने की चाहत में इंसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए खुद को घरों में कैद कर लिया हो;

Update: 2020-04-18 01:41 GMT

नई दिल्ली। कोरोना सी त्रासदी और लॉकडाउन सी पाबंदी में जब देश हलकान है। जि़ंदगी महफूज रखने की चाहत में इंसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए खुद को घरों में कैद कर लिया हो। ऐसे मारा-मारी में भला रात के वक्त खुली सूनी सड़क पर किसी गर्भवती महिला, पुलिस जिप्सी और नवजात शिशु का आपस में क्या तालमेल? सच मगर यही है। यह सब लॉकडाउन के ही दौरान पेश आया।

यह सच्ची घटना घटी 16 अप्रैल 2020 की रात देश की राजधानी दिल्ली के ख्याला थाना क्षेत्र में। घटनाक्रम के मुताबिक, गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे मिनी नाम की एक गर्भवती महिला पति सुशील कुमार के साथ रघुवीर नगर पुलिस चौकी में पहुंचे। साथ में परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी थे। गर्भवती महिला को लेबरपेन शुरू हो चुका था। वो गंभीर हाल में थी। किसी भी तरह से परिवार उसे अस्पताल में दाखिल कराना चाह रहा था। पुलिस चौकी में उस वक्त महिला सिपाही सुमन मौजूद थी।

महिला की गंभीर हालत और साथ मौजूद परिजनों की बेहाली का आलम समझते हुए सिपाही सुमन ने चौकी रघुवीर नगर प्रभारी सब इंस्पेक्टर पंकज ठाकुर और चौकी में पहले से ही मौजूद ख्याला थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर कुमार कुंदन को बताया। पुलिस वालों ने बिना वक्त गंवाये मौके पर मौजूद पुलिस जिप्सी में ही गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए लिटा दिया।

पीड़ित महिला को जिप्सी में महिला पुलिस स्टाफ के साथ ही हवलदार धर्मवीर और सिपाही कुलदीप एक निजी अस्पताल की ओर चल दिये। पुलिस जब तक महिला को अस्पताल लेकर पहुंचती उससे पहले ही अचानक परेशानी बढ़ी। लिहाजा पुलिस जिप्सी को सड़क किनारे रोककर ही गर्भवती को जिप्सी के भीतर ही प्रसव पीड़ा प्रक्रिया पूरी कराई गयी। उसके तुरंत बाद प्राथमिक मेडिकल मदद के लिए पुलिस टीम जच्चा-बच्चा (नवजात शिशु) को लेकर अस्पताल पहुंची।

इस बारे में शुक्रवार को पश्चिमी रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह से बात आईएएनएस ने बात की। उन्होंने कहा, "लॉकडाउन की इस अवधि में जिप्सी में सुरक्षित प्रसव कराने का शायद दिल्ली पुलिस में यह पहला उदाहरण भी हो सकता है। थाना ख्याला और पुलिस चौकी रघुवीर नगर स्टाफ ने इस पूरे घटनाक्रम में अद्भुत चुस्ती-फुर्ती का परिचय दिया है।"

दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष के डीसीपी शरत कुमार सिंहा ने आईएएनएस को बताया, "16 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम की जिप्सियों व अन्य वाहनों की मदद से 475 गर्भवती महिलाओं की इसी तरह अस्पताल पहुंचाने में मदद की जा चुकी है। कई ऐसे भी मामले सामने आये जिनमें अस्पताल की दूरी पीड़िता के घर से 10-15 किलोमीटर की भी थी।"

डीसीपी दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम सिंहा ने आगे कहा, "सबसे ज्यादा संख्या 103 दक्षिणी पूर्वी जोन की रही। जिनमें पुलिस कंट्रोल रुम ने तुरंत मदद पहुंचायी। जबकि नई दिल्ली जोन एकमात्र ऐसा जोन रहा जहां से एक भी गर्भवती को आपात स्थिति में दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष पुलिस वाहन की जरुरत नहीं पड़ी।"

Full View

Tags:    

Similar News