कर्नाटक में पिछले दो वर्षों में 1327 किसानों ने की खुदकुशी

कर्नाटक के कृषि मंत्री शिवशंकर रेड्डी ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में पिछले दो वर्षों में 1327 किसानों ने आत्महत्या की है;

Update: 2018-12-20 03:39 GMT

बेलगावी। कर्नाटक के कृषि मंत्री शिवशंकर रेड्डी ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में पिछले दो वर्षों में 1327 किसानों ने आत्महत्या की है और सरकार ने मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी है। 

श्री रेड्डी ने राज्य में सूखे की गंभीर स्थिति पर चर्चा के दौरान कहा कि वर्ष 2016-2017 के दौरान राज्य में किसानों की आत्महत्या के 1324 मामले दर्ज किये गए तथा वर्ष 2018 में किसानों की आत्महत्या के 539 मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या की जांच के लिए गठित जांच समिति ने पाया है कि वर्ष 2016-2017 के दौरान 1034 किसानों की मौत कृषि ऋण के तनाव की वजह से हुई थी जबकि समिति ने इस अवधि में सामने आए 116 मामलों को खारिज कर दिया। 

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “उपज बीमा तथा फसल बीमा’ योजना शुरू की जाएगी। इस सिलसिले में बीमा कंपनियों, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों तथा अन्य पक्षों के साथ बैठकर कर अगले सप्ताह आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।” 

श्री रेड्डी ने बताया कि बीमा कंपनियों ने वर्ष 2016-2017 के दौरान किसानों को 827 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जबकि इस अवधि में बीमा कंपनियों को 629.15 करोड़ रुपये किस्त के तौर पर मिले। वर्ष 2018-2018 के दौरान बीमा कंपनियों ने 1708.97 करोड़ रुपये किस्त के तौर पर संग्रहीत किया तथा किसानों को 605 करोड़ रुपये का भुगतान किया। 

इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सी टी रवि ने हस्तक्षेप करते हुए सुझाव दिया कि राज्य सरकार किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर एक समिति का गठन करे। उन्होंने कहा, “ कृषि ऋण छूट योजना और अन्य योजना की घोषणा के बावजूद किसानों पर आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर है। इस वजह से इसकी मुख्य वजह जानना जरूरी है।” 

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