बेहतर शिक्षण कौशल में पीडीसीए की तत्व महत्वपूर्ण : डॉ. घोष

गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय एवं औरोपथ सोसाइटी पंडिचेरी के संयुक्त तत्वधान में में 14 जुलाई को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ;

Update: 2017-07-16 12:46 GMT

रायपुर(देशबन्धु)। गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय एवं औरोपथ सोसाइटी पंडिचेरी के संयुक्त तत्वधान में में 14 जुलाई को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें औरापथ समिति पंडिचेरी के निदेशक डॉ. एसएन घोष व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी एवं शिक्षिकीय स्टाफ ने शिरकत की। 'उच्चशिक्षा में गुणात्मक प्रबंधन तंत्र का क्रियान्वयन विषय पर कार्यशाला में उद्बोधन रखते हुए औरोपथ समिति पंडिचेरी के निदेशक डॉ. एसएन घोश ने बताया कि बेहतर शिक्षण कौशल में पीडीसीए तत्व का काफी महत्वपूर्ण स्थान हैं। उनका कहना था कि पी फॉर प्लानिंग, डी से क्रियान्वयन, सी से चेकिंग (निरीक्षण) तथा ए से एक्ट कार्रवाई होता है। जो किसी भी शिक्षक को जानना चाहिए, ताकि वह शिक्षिकीय कार्य में अच्छा प्रदर्शन कर सके।

डॉ. घोष ने महाविद्यालय के विकास में नेक मूल्यांकन को अति महत्वपूर्ण बताया उनका कहना था कि नेक मूल्यांकन में 7 बिंदू पर विशेष ध्यान की जरूरत हैं। जिसकी चर्चा उद्बोधन के दौरान की। साथ में 57 कमेटियों के माध्यम से उक्त मूल्यांकन को संपादित कराने का सुझाव दिया, ताकि महा. के सभी विभागों के प्रदर्शन को टीम के समक्ष रखा जा सकें। इसके अलावा डॉ. घोष का कहना था कि शिक्षक का कार्य केवल अध्यापन नहीं है अपितु प्रति र्स्पाधात्मक तरीके से विद्यार्थियों को तैयार करना है।

इससे वे रोजगारवान हो सकेंगे। साथ में विषय में रूचि बनी रहेगी। उद्बोधन के अंत में डॉ. घोष ने नेक ग्रेडिंग हासिल करने के लक्ष्य में महा. के सभी विभागों व पक्षों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। आयोजन में महा. के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने नेक की तैयारियों व कार्यशाला में सामने आए बिन्दुओं पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला। प्राचार्य ने कहा कि जल्द नेक से अच्छी ग्रेडिंग के तैयार हो जाएगा। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन एआईक्यूसी के प्रभारी प्रो. अमिताभ के द्वारा दिया गया। 

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