प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी का क्रियान्वयन दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़ ,लक्षद्वीप में नहीं

शहरों में सस्ते मकान बना कर वर्ष 2022 तक ‘सबको पक्का आवास’ उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ घोषित की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी अभी तक दिल्‍ली, चंडीगढ़, गोवा और लक्षद्वीप में शुरु नहीं हो सकी;

Update: 2017-09-10 12:40 GMT

नयी दिल्ली। शहरों में सस्ते मकान बना कर वर्ष 2022 तक ‘सबको पक्का आवास’ उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ घोषित की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी अभी तक दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा और लक्षद्वीप में शुरु नहीं हो सकी है।

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के अंतर्गत अब तक 1.40 लाख करोड़ रुपये के निवेश से कुल 26 लाख 13 हजार 568 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है जिनमें से 82 प्रतिशत दस राज्‍यों के लिये स्वीकृत हुये हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, झारखंड और बिहार शामिल है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 तक दो करोड़ शहरी परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

सूत्रों के अनुसार दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा और लक्षद्वीप को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रधानमंत्री अावास योजना के तहत सस्ते मकान मंजूर किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार इस योजना का क्रियान्वयन राज्यों के सहयोग से कर रही है। सस्ते आवास के लिए कोई भी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकता है और इसकी सिफारिश राज्य सरकार अपनी संस्तुतियों के साथ केंद्र सरकार से करती है। इसके बाद केंद्र सरकार संबंधित आवास के निर्माण के लिए मंजूरी के साथ वित्तीय सहायता जारी करती है। दिल्ली, गोवा, चंडीगढ और लक्षद्वीप ने अलग-अलग कारणों से प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी का क्रियान्वयन करने से मना किया है जिसके कारण यहां यह योजना शुरु नहीं हो पायी है।
 

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