आईएफएस अधिकारियों ने की पुलिस के खिलाफ हिंसा की निंदा

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के बाद भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों ने तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस कर्मियों के खिलाफ हुई हिंसक घटना की निंदा की है।;

Update: 2019-11-06 14:50 GMT

नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के बाद भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों ने तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस कर्मियों के खिलाफ हुई हिंसक घटना की निंदा की है।

आईएफएस अधिकारियों ने तीस हजारी में पुलिस के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि इस घटना में शामिल दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई कर पुलिसकर्मियों को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आईपीएस संघ के साथियों को उनका पूरा समर्थन है।

आईएएस संघ ने कल कहा था कि हम तीस हजारी कोर्ट में पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। हम संकट के समय में उनके साथ खड़े हैं। इसी प्रकार आईपीएस एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि दोषी वकीलों के लाइसेंस रद्द किए जाएं और अदालतों को सभी पक्षों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। यह टिप्पणी दिल्ली पुलिसकर्मियों के कल विरोध प्रदर्शन के बाद आई थी।

गौरतलब है कि दो नवंबर को तीस हजारी अदालत परिसर और उसके बाद सोमवार को विभिन्न अदालतों के बाहर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की घटना से गुस्साये पुलिसकर्मियों ने कल दिनभर पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया था। आला अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद पुलिसकर्मियों ने धरना खत्म करने का फैसला किया था। दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार पुलिस अधिकारी और कर्मचारी धरने-प्रदर्शन पर बैठे। इस प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों की पत्नियां और बच्चे भी शामिल हो गये थे।

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