महिलाओं की युद्धक भूमिका पर हो रहा विचार : सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार महिलाओं को युद्ध की वर्दी में लाने के लिए गंभीरता से काम कर रही है-अगर यह संकल्प पूरा होता है;

Update: 2018-05-07 21:53 GMT

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार महिलाओं को युद्ध की वर्दी में लाने के लिए गंभीरता से काम कर रही है-अगर यह संकल्प पूरा होता है तो भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता आएगी और महिलाएं नौसेना की पनडुब्बियों व सेना के टैंकों पर तैनाती पाने में समर्थ होंगी। 

सीतारमण ने कहा, "महिलाएं वर्दी में सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छुक हैं। भारतीय वायु सेना पहले ही महिला लड़ाकू पॉयलटों को शामिल कर चुकी है। सेना व इससे जुड़े बलों में महिलाओं के काम शुरू करने के बारे में कई मामले विभिन्न अदालतों में लड़े जा रहे हैं। नौसेना में महिलाओं को समुद्र में अनुमति नहीं है, लेकिन हम महिलाओं के लिए रक्षा बलों को खोलने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहे हैं।"

वह साल 2017-18 के लिए लैंगिक समानता सूचकांक जारी करने के एक कार्यक्रम में बोल रही थीं। इस अध्ययन को फिक्की महिला संगठन (एफएलओ) द्वारा विशेष रूप से किया गया है। एफएलओ भारतीय वाणिज्य व उद्योग महासंघ की महिला शाखा है।

सशस्त्र बलों में महिलाओं की युद्धक भूमिका की मांग लंबे समय से लंबित रही है।

इस मुद्दे पर फरवरी 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घोषणा की थी कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए महिलाओं को युद्धक भूमिका की अनुमति दी जाएगी।

भारतीय वायु सेना ने बीते साल जुलाई में तीन महिलाओं-मोहाना सिंह, अवनी चतुर्वेदी व भावना कंठ-को पहली महिला लड़ाकू पॉयलट के तौर पर शामिल किया।

भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री सीतारमण ने महिला सशक्तीकरण को स्थिर बनाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा, " जिस भी मोर्चे पर महिलाओं ने अपनी पहुंच बनाई है, वहां अधिक संख्या में महिलाओं को रखा जाना चाहिए।"

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