मुझे अपने युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता सोच पर पूरा भरोसा है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकोनॉमी हैकथॉन अवार्ड सेरेमनी को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा कि सकरुलर इकोनॉमी हमारी कई समस्याओं को हल करने में सहायक हो सकती है;
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकोनॉमी हैकथॉन अवार्ड सेरेमनी को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा कि सकरुलर इकोनॉमी (चक्रीय अर्थव्यवस्था) हमारी कई समस्याओं को हल करने में सहायक हो सकती है।
LIVE: PM @narendramodi addresses India-Australia Circular Economy Hackathon Award Ceremony. https://t.co/DAiAZaRa6z
प्रधानमंत्री मोदी ने संसाधन दक्षता में सुधार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद विश्व को आकार देने में भारत-ऑस्ट्रेलिया की मजबूत भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
This hackathon saw innovative solutions from India & Australia. These innovations will inspire our countries in taking circular economy solutions. We must now also explore ways to scale & incubate these ideas.
- PM @narendramodi pic.twitter.com/P95OmRquIV
हमारे युवा, इनोवेटर्स, स्टार्टअप, इस साझेदारी में सबसे आगे होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के प्रतिभागी युवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा, "आज के युवा प्रतिभागियों की ऊर्जा और उत्साह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ती साझेदारी का प्रतीक है। मुझे अपने युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता और ऑउट ऑफ बॉक्स सोच पर पूरा भरोसा है। वे हमारे दो देशों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को स्थाई समाधान दे सकते हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस हैकाथॉन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के अभिनव समाधानों को देखा। ये इनोवेशन (नवाचार) हमारे देशों को सकुर्लर इकोनॉमी समाधानों के लिए प्रेरित करेंगे। अब हमें इन विचारों को धरातल पर उतारने का विचार करना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सर्कुलर अर्थव्यवस्था की अवधारणा हमारी कई समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। रीसाइक्लिंग, कचरे को खत्म करना और संसाधन दक्षता में सुधार करना हमारी जीवनशैली का हिस्सा बनना चाहिए।"
बता दें कि 4 जून, 2020 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों ने बाचतीत के दौरान दोनों देशों में चक्रीय आर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकोनॉमी) को बढ़ावा देने के लिए नवाचारों की आवश्यकता जताई थी। जिसके बाद आयोजित हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकोनॉमी हैकथॉन में बढ़चढ़ कर युवाओं ने भाग लिया।