हैदराबाद उच्च न्यायालय मुर्गो की लड़ाई पर नाराज

हैदराबाद उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश में संक्राति समारोह के दौरान मुर्गो की लड़ाई रोकने में अधिकारियों के विफल रहने पर सोमवार को नाराजगी जताई है;

Update: 2018-01-29 21:56 GMT

हैदराबाद। हैदराबाद उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश में संक्राति समारोह के दौरान मुर्गो की लड़ाई रोकने में अधिकारियों के विफल रहने पर सोमवार को नाराजगी जताई है। अदालत के आदेश के बावजूद अधिकारी इसे रोक नहीं सके हैं। अदालत ने मुख्य सचिव व डीजीपी से जानना चाहा कि वे अदालत के आदेश के बावजूद मुर्गो की लड़ाई रोकने में विफल क्यों हुए।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की एकल पीठ ने मामले में एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की।

बीते सप्ताह जारी किए गए आदेशों के जवाब में मुख्य सचिव दिनेश कुमार अदालत में पेश हुए। पुलिस महानिदेशक एम.मलकोदिया ने व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से छूट की मांग की थी।

अदालत ने अधिकारियों से पूर्व गोदावरी व पश्चिम गोदावरी जिलों में हुई मुर्गो की लड़ाई का विवरण जमा करने को कहा। अदालत ने यह सूचित करने का निर्देश दिया कि किसने दो जिलों में 800 से ज्यादा जगहों पर मुर्गो की लड़ाई का आयोजन किया, साथ ही दर्ज किए गए मामलों व आरोपियों का विवरण देने को कहा।

अदालत ने मुख्य सचिव व पुलिस के विवरण मुहैया कराने के लिए समय की मांग की याचिका को स्वीकार कर लिया और मामले की सुनवाई चार हफ्तों के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले अदालत ने मुख्य सचिव और डीजीपी से पूछा कि क्या वे अदालत के आदेश का क्रियान्वयन करने में असहाय महसूस कर रहे हैं।

यह जनहित याचिका पश्चिम गोदावरी जिले के के.रामचंद्र ने दाखिल किया है। उन्होंने अदालत से गांवों में संस्कृति व मुर्गो की लड़ाई के नाम पर व्याप्त बुराइयों व जुए को रोकने की मांग की है।

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