सत्य साई अस्पताल में कोरोना काल में भी सैकड़ों बच्चों के हुए निशुल्क हृदय ऑपरेशन
कोरोना काल में रोग से पीड़ित बच्चों का इलाज जारी रहा;
रायपुर । कोरोना काल में देश के नामी गिरामी अस्पतालों में बीमारों के दाखिले और उनके इलाज के लिए लगातार मुश्किलों की आ रही खबरों के बीच छत्तीसगढ़ के श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल ने एक सौ से भी अधिक बच्चों के हृदय का निशुल्क आपरेशन कर सेवा भावना की शानदार मिशाल पेश की है।
संस्थान के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास ने जीवन उपहार उत्सव के मौके पर यह जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार और समाज के सहयोग से श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल हृदयरोग से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क इलाज सफलतापूर्वक कर रहा है।बच्चों के दिल की बीमारी के निवारण में छत्तीसगढ़ ने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।इस संस्थान में दुनिया के तमाम देशों के लोग अपने बच्चों के दिल की बीमारी के इलाज के लिए पहुंचते रहे है।
उन्होने बताया कि कोरोना काल में रोग से पीड़ित बच्चों का इलाज जारी रहा। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों से आए एक सौ से अधिक बच्चों का सफल ऑपरेशन किया गया। उन्होंने कोरोनाकाल में बाहर से आने वाले बच्चों एवं उनके परिजनों के क्वॉरंटीन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नवा रायपुर में 16 फ्लैट, 400 पीपीई किट तथा कोविड सैम्पल की जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया।
संस्थान के डॉ.रजनी पाण्डेय ने बताया कि श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश के एक लाख से अधिक बच्चों को हृदय रोग संबंधी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि 12 हजार से अधिक बच्चों के हृदय रोग का सफल ऑपरेशन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रबंधन द्वारा दिव्य माता एवं शिशु कार्यक्रम के अंतर्गत संस्थान में डॉ. सी. राजेश्वरी संगवारी क्लिनिक का भी शुभारंभ किया है।इसका उद्देश्य बच्चों, किशोरी बालिकाओं एवं गर्भवती माताओं को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है।
ज्ञातव्य हैं कि इस संस्थान की स्थापना नवम्बर 2012 में हुई थी।इस संस्थान में सभी जांच एवं पूरा इलाज निशुल्क है।यहां पर कैश काउन्टर तक नही बना है।देश के अलग अलग राज्यों के अलावा यहां पर नेपाल.फिजी.पाकिस्तान सहित एक दर्जन से अधिक देशों के नागरिक अपने बच्चों के दिल की बीमारी का इलाज कराने यहां पहुंच चुके है।इस संस्थान में जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों का इलाज होता है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी संस्थान में फरवरी 2016 में पहुंच चुके है।