मानवाधिकार आयोग ने किसानों के उत्पीड़न पर मप्र सरकार से जवाब मांगा

मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश में किसानों को अर्द्धनग्न करने के बाद कथित रूप से उनका उत्पीडन किए जाने सम्बन्धी मीडिया रिपोर्ट पर स्वत:संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी करके चार हफ्ते में जवाब मांगा;

Update: 2017-10-05 19:17 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश के टीकमगढ थाने में कुछ किसानों को अर्द्धनग्न करने के बाद कथित रूप से उनका उत्पीड़न किये जाने सम्बन्धी मीडिया रिपोर्ट पर स्वत:संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करके चार हफ्ते में जवाब मांगा है ।

आयोग ने आज यहां बताया कि रिपोर्टाें के अनुसार तीन अक्टूबर की इस घटना में किसानों को उस समय प्रताड़ित किया गया जब वे सरकार की कथित किसान विरोधी रैली में हिस्सा लेकर वापस लौट रहे थे।

थानाप्रभारी ने कथित तौर पर दावा किया कि उसने किसानों के नाम और पता लिखने के लिए उन्हें थाने बुलाया था । आयोग का कहना है कि यदि मीडिया में आयी रिपोर्ट सहीं हैं तो इससे किसानों के मानवाधिकारों के हनन का पता लगता है ।

उसने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक काे नोटिस जारी करके चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देेने को कहा है ।

आयोग ने मीडिया की खबरों के हवाले से बताया कि किसान रैली के बाद टीकमगढ के जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने गये थे लेकिन उन्होंने किसानों से मिलने से मना कर दिया ।

इससे उत्तेजित किसानों ने पुलिस पर पथराव किया और दोनों के बीच टकराव हुआ । पुलिस ने कथित रूप से किसानों पर लाठीचार्ज किया ।

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