हॉकी: पुरुषों ने 21वीं, महिलाओं ने तीसरी बार ओलंपिक में किया क्वालीफाई

भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने रूस के खिलाफ अपने घरेलू कलिंगा स्टेडियम में शानदार प्रदर्शन करने के साथ 21वीं बार ओंलपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया;

Update: 2019-11-03 18:40 GMT

नयी दिल्ली। भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने रूस के खिलाफ अपने घरेलू कलिंगा स्टेडियम में शानदार प्रदर्शन करने के साथ 21वीं बार ओंलपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया जबकि महिला हॉकी टीम ने तीसरी बार इन सबसे बड़े खेलों में जगह बनाने की उपलब्धि दर्ज की है।

ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित एफआईएच ओलंपिक क्वालिफायर में महिला टीम ने कप्तान रानी रामपाल के चौथे क्वार्टर में निर्णायक गोल की बदौलत अमेरिका को कुल 6-5 के स्कोर से पराजित कर तीसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया जबकि पुरुष टीम ने रूस को 11-3 से रौंदकर ओलंपिक का टिकट कटाया।

महिला टीम अब तक तीन ओलंपिक में हालांकि पदक तक नहीं पहुंच सकी है लेकिन पुरूष टीम के नाम 11 पदक दर्ज हैं जिसमें आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य हैं। लेकिन पुरूष टीम ने ओलंपिक में अपना आखिरी पदक स्वर्ण के रूप में वर्ष 1980 में मॉस्को में जीता था और उसके बाद 39 वर्षाें से उसके पदक का सूखा बरकरार है।

पुरूष हॉकी टीम ने 1928 के एम्सटर्डम में स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक में शानदार शुरूआत की थी और उसके बाद 1932 के लॉस एंजेलिस, 1936 के बर्लिन, 1948 के लंदन, 1952 के हेलसिंकी, 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक में लगातार स्वर्ण पदक जीते।

1960 के रोम ओलंपिक में भारतीय टीम हालांकि दूसरे नंबर पर खिसक गयी और उसे रजत से संतोष करना पड़ा लेकिन अगले 1964 के टोक्यो ओलंपिक में उसने फिर से स्वर्णिम कामयाबी काे दोहरा दिया। वर्ष 1968 के मैक्सिको और 1972 के म्युनिख ओलंपिक में फिर टीम तीसरे नंबर पर खिसक गयी और कांस्य पदक जीता।
 

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