इतिहासकार वीरेंद्र कुमार बरनवाल नहीं रहें
प्रसिद्ध इतिहासकार, अनुवादक और भारतीय राजस्व सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी वीरेंद्र कुमार बरनवाल का शुक्रवार को यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।;
नयी दिल्ली। प्रसिद्ध इतिहासकार, अनुवादक और भारतीय राजस्व सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी वीरेंद्र कुमार बरनवाल का शुक्रवार को यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
वह 78 वर्ष के थे और कोरोना से भी संक्रमित थे । उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। उनकी पत्नी का निधन पहले ही हो गया था।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के फूलपुर में 21 अगस्त 1941 को जन्मे श्री बरनवाल को पिछले दिनों एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी जांच में कोरोना का संक्रमण पाया गया । उनका कल शाम 7:30 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया ।
उनकी पढ़ाई लिखाई काशी हिंदू विशविद्यालय से हुई थी और वह मुख्य आयकर आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने हिंदी में मोहम्मद अली जिन्ना, सर सैयद अहमद खान और महात्मा गांधी पर किताबें लिखी थी तथा नोबेल पुरस्कार विजेता अफ्रीकी कवि वोल शियंका की कविताओं के भी अनुवाद किए थे। इसके अलावा उन्होंने अकबर इलाहाबादी की गाँधीनामा पर भी किताब लिखी थी। हिंद स्वराज आधुनिक सभ्यता विमर्श नामक उनकी पुस्तक काफी चर्चा में रही। जिन्ना पर हिंदी में लिखी उनकी किताब से उन्हें बहुत ख्याति मिली थी।