हिन्दी भाषी को बेदख़ल किया जाए: उल्फा

असम के उग्र्रवादी संगठन “यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट आॅफ असम ” के वार्ता विरोधी धड़े ने असम सरकार से कहा कि ऊपरी असम के तिनसुकिया और डिब्र्रूगढ़ जिलों में रहने वाले हिन्दी भाषी लोगों को बेदखल कर दिया जाए;

Update: 2017-07-27 21:22 GMT

गुवाहाटी। असम के उग्र्रवादी संगठन “यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट आॅफ असम ” उल्फा के वार्ता विरोधी धड़े ने असम सरकार से कहा है कि ऊपरी असम के तिनसुकिया और डिब्र्रूगढ़ जिलों में रहने वाले हिन्दी भाषी लोगों को बेदखल कर दिया जाए ताकि उनके स्थान पर बाढ़ में अपने घर और जमीन गंवा चुके राज्य के मूल नागरिकों को विस्थापित किया जा सके।

उल्फा के वार्ता विरोधी धड़ेे के प्रचार सचिव अरूणोदाेई असोम ने कहा “यह बहुत ही चिंता का विषय है कि इस तरह की साजिश रचकर राज्य के जंगलों को नष्ट किया जा रहा है अाैर स्वदेशी लोगों को अापस में लड़ाया जा रहा हैै।”

इन दोनों जिलों में हजारोें बीघा जमीन पर हिन्दी भाषी लोगों ने कब्जा कर लिया है।

राज्य सरकार को ऐसी जमीन पर कब्जा करने वालों को बेदखल कर उनके स्थानों पर राज्य के मूल निवासियों को बसाना चाहिए। राज्य में हिन्दी भाषी लोगों से तात्पर्य बिहार ,उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आकर बसे लोगों से है।

कईं बार देखने में आया है कि उग्रवादी समूहों के हमलों के सबसे ज्यादा शिकार यही लाेग होते हैं।

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