हिमाचल : 11 जिलों की 91 तहसीलों एवं उप-तहसीलों में वानर वर्मिन घोषित

हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने शनिवार को बताया कि प्रदेश के 11 जिलों की 91 तहसीलों एवं उप-तहसीलों में वानरों को एक वर्ष की अवधि के लिए पीड़क जन्तु (वर्मिन) घोषित किया गया है;

Update: 2019-02-23 22:41 GMT

शिमला। हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने शनिवार को बताया कि प्रदेश के 11 जिलों की 91 तहसीलों एवं उप-तहसीलों में वानरों को एक वर्ष की अवधि के लिए पीड़क जन्तु (वर्मिन) घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह मामला बार-बार केन्द्र सरकार के समक्ष रखा और कहा कि हिमाचल प्रदेश में वानरों के कारण मनुष्य एवं फसलों को क्षति पहुंच रही है तथा इस समस्या के निपटारे के लिए वानरों को पीड़क जन्तु घोषित करना आवश्यक है। 

उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में केन्द्रीय सरकार ने 14 फरवरी, 2019 को अधिसूचना जारी कर वानरों को 91 तहसीलों एवं उप-तहसीलों में पीड़क जन्तु घोषित कर दिया है, जिसका प्रकाशन भारत के राजपत्र में 21 फरवरी, 2019 को किया गया। यह अधिसूचना एक वर्ष की अवधि तक लागू रहेगी।

24 मई, 2016 को वानरों को हिमाचल के दस जिलों की 38 तहसीलों एवं उप-तहसीलों मे पीड़क जन्तु घोषित किया गया था, जिसकी अवधि 20 दिसम्बर, 2017 में एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई थी।

गोविन्द सिंह ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वन क्षेत्रों के बाहर वानरों द्वारा मनुष्यों एवं खेती को हानि पहुंचाने के मामले सामने आ रहे थे। इस समस्या को प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों के फलस्वरूप 91 तहसीलों एवं उप-तहसीलों में वानरों को पीड़क जन्तु घोषित करवाने में सफलता हासिल हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे सभी प्रदेशवासियों विशेषकर किसानों एवं बागवानों को राहत मिलेगी। 

उन्होंने इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

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