मरीज के शव को गड्ढे में फेंकने की उच्चस्तरीय जांच हो: एफपीआर

एफपीआर के सचिव जी सुगुमरन ने रविवार को एक बयान में कहा कि चेन्नई का 45 वर्षीय व्यक्ति ज्योति मुथु अपनी पत्नी के पास गोपलन कदई गया था और वहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई।;

Update: 2020-06-07 14:36 GMT

 पुडुचेरी।  पुड्डुचेरी में जन अधिकार संघ (एफपीआर) ने पुड्डुचेरी के समीप विलियानूर में शनिवार को स्वास्थ्य और पंचायत कर्मचारियों द्वारा कोरोना रोगी के शव को कथित रूप से गढ्ढे में फेंक दिये जाने की घटना की उच्च-स्तरीय जांच के निर्देश देने की अपील की है।

एफपीआर के सचिव जी सुगुमरन ने रविवार को एक बयान में कहा कि चेन्नई का 45 वर्षीय व्यक्ति ज्योति मुथु अपनी पत्नी के पास गोपलन कदई गया था और वहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया था। इससे पहले उसकी कोरोना जांच की गयी थी और रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। बाद में स्वास्थ्य और विलियनूर पंचायत के कार्यकर्ताओं ने उसके शव को एक गड्डे में फेंककर दफन कर दिया। यह घटना विलियानूर पंचायत आयुक्त और तहसीलदार की उपस्थिति में हुई।

उन्होंने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 बीमारी से किसी भी व्यक्ति की मौत होती है तो उसके शव को सम्मान के साथ दफनाया जाए। ऐसे में सरकार को घटना की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए और आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।

श्री सुगुमरान ने कहा कि इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी एक शिकायत दर्ज करायी गयी है।
 

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