बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर से केस खोलने की याचिका पर सुनवाई आज
द कश्मीर फाइल्स फिल्म के आने के बाद से ही कश्मीरी पंडितों के पलायन का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है;
नई दिल्ली। द कश्मीर फाइल्स फिल्म के आने के बाद से ही कश्मीरी पंडितों के पलायन का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। लोग इस फिल्म को देखकर महसूस कर पा रहे हैं कि 3 दशक पहले कश्मीरी पंडितों पर क्या कुछ गुजरी होगी। इस बीच कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने की मांग एकबार फिर तेज होने लगी है। कश्मीरी पंडितों पर जुल्म करने वाले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग इस वक्त जोरों से उठाई जा रही है।
जम्मू कश्मीर में हत्याओं के आरोपी रहे आतंकी बिट्टा कराटे के खिलाफ 31 साल बाद आज फिर सुनवाई होगी। दरअसल, श्रीनगर की कोर्ट में एक याचिका दर्ज की गई है, इसमें बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केस वापस खोलने की मांग की गई। श्रीनगर कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई करेगा। बिट्टा कराटे का असली नाम फारूक अहमद दार है।
दरअसल, सतीश टिक्कू के परिवार ने श्रीनगर कोर्ट में इस हत्या मामले की सुनवाई के लिए अर्जी दी है। कोर्ट इस अर्जी पर सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगा। बिट्टा कराटे का असली नाम फारूक अहमद डार है। उसने 31 साल पहले सतीश टिक्कू की हत्या की और इसके बाद कई कश्मीरी पंडितों को जान से मारा। उसने टेलिविजन पर इन हत्याओं की बात कबूल की है।
साल 1991 में दिए इंटरव्यू में बिट्टा ये भी बताता है कि कैसे उसने 22 वर्षीय कश्मीरी पंडित सतीश कुमार टिक्कू की हत्या से घाटी में कत्लेआम का सिलिसला शुरू किया था। बिट्टा को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी गिरफ्तार किया गया था। बिट्टा पर 19 से अधिक उग्रवाद से संबंधित मामले थे।
2008 में अमरनाथ विवाद के दौरान भी उसे गिरफ्तार किया गया था। बिट्टा मार्शल आर्ट में ट्रेंड था, इसलिए उसके नाम के आखिर में लोग कराटे लगाने लगे। बिट्टा कराटे ने करीब 16 साल सलाखों के पीछे बिताए। आखिर में 23 अक्टूबर, 2006 को टाडा अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया।