श्रमिकों की कड़ी मेहनत और समर्पण से राष्ट्र प्रगति की ओर अग्रसर: गंगवार

केंद्रीय श्रम एवं राेजगार मंत्री संतोष गंगवार ने मंगलवार को श्रमिकों और नियोक्ताओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान करते;

Update: 2019-09-17 15:41 GMT

नयी दिल्ली । केंद्रीय श्रम एवं राेजगार मंत्री संतोष गंगवार ने मंगलवार को श्रमिकों और नियोक्ताओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि कामगारों की कड़ी मेहनत और समर्पण से राष्ट्र प्रगति की ओर अग्रसर है।

 गंगवार ने यहां विश्वकर्मा दिवस पर आयोजित एक समारोह में वर्ष 2017 के विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान करने के बाद कहा कि सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनायें शुरु की है जिनको प्रभावी रुप से लागू किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि सरकार की योजना सभी संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराना और असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है।

उन्होंने जनधन योजना, प्रधानमंत्री श्रमिक पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और मुद्रा आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार युवाओं को कौशल विकास कर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है।

गंगवार ने कहा कि नियोक्तओं को यह समझना चाहिए कि उत्पादन बढ़ाने में श्रमिकों की सुरक्षा और संरक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए उनके लिए बेहतर माहौल बनाया जाना चाहिए। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि उत्पादकता में भी इजाफा होगा। उन्हाेंने कहा कि कारोबार के अनुकूल माहौल बनाने के लिए सरकार श्रम से संबंधित 44 कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समाहित करने का प्रयास कर रही है। कानूनी विरोधाभास और दोहराव खत्म होगा।

 गंगवार ने कहा कि जल्दी ही वर्ष 2018-19 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ)के छह करोड़ से अधिक अंशधारकोें को उनकी जमा राशि पर 8.65 प्रतिशत की दर ब्याज का भुगतान हो जाएगा। इससे पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने 8.55 प्रतिशत की दर ब्याज का भुगतान किया था।

ईपीएफओ में अंशधारकों की जमा राशि पर ब्याज का निर्धारण केंद्रीय न्यास करता है जिसे मंत्रालय अनुमोदित करता है। बाद में वित्त मंत्रालय इस पर निर्णय करता है और इसकी घोषणा कर दी जाती है। वित्त मंत्रालय ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया गया है।

Full View

Tags:    

Similar News