बच्चा बदलने के मामले में गुरुग्राम के अस्पताल पर मुकदमा दर्ज
न्याय के लिए पिछले सात महीनों से दर दर धक्के खाते हुए विभिन्न सरकारी विभागों का दरवाजा खटखटाने के बाद गुरुग्राम के एक जोड़े की शिकायत पर पुलिस ने एक स्थानीय अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है;
गुरुग्राम। न्याय के लिए पिछले सात महीनों से दर दर धक्के खाते हुए विभिन्न सरकारी विभागों का दरवाजा खटखटाने के बाद गुरुग्राम के एक जोड़े की शिकायत पर पुलिस ने एक स्थानीय अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, जिस पर बच्चे की अदलाबदली का आरोप है। पुलिस ने सीएम विंडो के निर्देश पर स्वास्तिक अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सीएम विंडो हरियाणा सरकार की लोगों की शिकायतों को दूर करने की एक पहल है।
एफआईआर के मुताबिक, मरजीना ने 7 फरवरी को स्वास्तिक अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने जोड़े को बच्चे को देखने की इजाजत नहीं दी और दो घंटे बाद उन्हें जानकारी दी गई की मरजीना ने एक बेटी को जन्म दिया है।
इस जोड़े को जो बच्ची सौंपी गई थी, वह उनके मुताबिक 5-7 दिन पहले पैदा हुई थी और उसका सिर अपेक्षाकृत मजबूत था, जबकि नवजात का सिर नरम होता है, साथ ही उनकी गर्भनाल भी पूरी तरह से सूखी थी, जबकि नवजात के गर्भनाल का जख्म हरा होता है।
मरजीना ने कहा, "मेरे पति ने अस्पताल के आसपास पूछताछ की, तो एक नवजात लड़का अस्पताल के नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में मिला, जिसकी मां वहां मौजूद नहीं थी।"
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उनकी नहीं सुनी। यहां तक कि पुलिस और मेडिकल बोर्ड ने भी उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया।
मरजीना ने कहा, "हम बादशाहपुर पुलिस स्टेशन गए थे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। हम गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी मिले, लेकिन उन्होंने भी कोई मदद नहीं की।"
उसके बाद वे उपायुक्त के कार्यालय गए और सीएम विंडो पर अपनी शिकायत दी।
मरजीना के पति मोहम्मद मोजाहिल ने कहा, "हमने सीएम विंडो पर डीएनए जांच और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है।"
गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ सुभाष बोकन के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चलता है कि यह अपराध अस्पताल के कर्मचारी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।