गुजरात: 24 घंटे में 9 शिशुओं की मौत, सरकार ने दिये जांच के आदेश
गुजरात में चुनावी माहौल के बीच एशिया के सबसे बडी चिकित्सा संस्थानों में शुमार अहमदाबाद के असारवा स्थित सिविल अस्पताल में पिछले तीन दिन में करीब 18 और पिछले 24 घंटे में नौ शिशुओं की मौत हुई;
अहमदाबाद। गुजरात में चुनावी माहौल के बीच एशिया के सबसे बडी चिकित्सा संस्थानों में शुमार अहमदाबाद के असारवा स्थित सिविल अस्पताल में पिछले तीन दिन में करीब 18 और पिछले 24 घंटे में नौ शिशुओं की मौत से मची सनसनी के बीच राज्य सरकार ने इसके कारणों और अन्य पहलुओं की अगले 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने के लिए एक समिति का गठन किया है।
अस्पताल के अधीक्षक एम एक प्रभाकर ने आज बताया कि पिछले 24 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत हुई है। इनमें से पांच को वीरमगाम,सुरेन्द्रनगर, माणसा, हिम्मतनगर और सुरेन्द्रनगर से गंभीर हालत में लाया गया था। पिछले कुछ समय में हुई ऐसी माैतों का आंकलन भी किया जा रहा है। जो बच्चे मरे हैं उनमें से कुछ तीन दिन से इलाजरत भी थे। ऐसी मौतों पर रोकथाम के भी प्रयास किये जा रहे हैं। अस्पताल के नवजात शिशु विभाग का आईसीयू जहां मौतें हुई हैं वह 100 बेड का है और अत्याधुनिक संसाधनों से संपन्न है। यह देश में ऐसी सबसे बडी सुविधाओं में शुमार है। मरने वाले कई बच्चे जन्म के समय कम वजन और अन्य समस्याओं से पीडित थे।
इसके कारणों समेत हर पहलू की संपूर्ण जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा के उप निदेशक राघव दीक्षित की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गयी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहनगर वडनगर में हाल में उनके हाथो उद्घाटित मेडिकल कॉलेज के डीन नीलेश शाह और गांधीनगर मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष हिमांशु जोशी सदस्य हैं।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि इन बच्चों की मौत एक तरह के संक्रमण (सेप्टिशिमिया) के चलते हुई बतायी गयी है। बताया गया है कि जिन नौ बच्चों की मौत पिछले 24 घंटे में हुई हैं उनमें से पांच दूसरे जिलों से गंभीर हालत में यहां लाये गये थे जबकि चार का इसी अस्पताल में जन्म हुआ था। इनमें से कुछ के वजन मात्र एक से सवा किलो तक थे जो सामान्य वजन ढाई किलो से काफी कम थे। देश के सबसे बडे नवजात शिशु आईसीयू वाले अस्पताल में औसतन प्रतिदिन चार से पांच ऐसी मौतें होती हैं। बताया जाता है कि गुजरात में दीवाली और गुजराती नववर्ष के साथ होने कारण छुट्टियों के चलते निजी अस्पताल में डाक्टरों की संख्या भी कम हो जाने से ऐसे सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ जाती है।
इस बीच इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गयी है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस के गुजरात प्रभारी अशोक गेहलोत ने ट्विट कर उत्तर प्रदेश के बाद एक और भाजपा शासित राज्य यानी गुजरात में बच्चों की मौत पर सवाल उठाया गया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि इस घटना से स्वास्थ्य क्षेत्र में भाजपा सरकार की विफलता पूरी तरह स्पष्ट हो गयी है। उन्होंने दावा किया कि अनाधिकारिक तौर पर मृत शिशुओं की संख्या नौ से ज्यादा है।