राज्यपाल करेंगे कालिदास समारोह का शुभारंभ

मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल कल 04 नवंबर से सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ करेंगे;

Update: 2022-11-03 17:44 GMT

उज्जैन। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल कल 4 नवंबर से सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ करेंगे। इस समारोह में देश के कई विद्वान, कलाकार और संस्कृतकर्मी भाग लेंगे।

श्री पटेल इस समारोह का शुभारंभ रात्रि 7 बजे करेंगे। कार्यक्रम के तुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य चित्रकूट होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश शासन की संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर द्वारा की जायेगी। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव और सांसद अनिल फिरोजिया होंगे।

इस समारोह के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जीख, कोलकाता, पद्मश्री डॉ.पुरू दाधिच इन्दौर, वासुदेव कामथ, मुम्बई एवं राजीव वर्मा, भोपाल को कालिदास सम्मान से विभूषित किया जायेगा।

इस समारोह में चित्र एवं मूर्तिकला की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी प्रात: 10 बजे सेरात्रि 8 बजे तक कलाप्रेमियों के अवलोकन के लिए खुली रहेगी।

कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 5 नवम्बर को भरत विशाला मंच कालिदास संस्कृत अकादमी में शाम 7 बजे से सुश्री आयुर्धा शर्मा उज्जैन द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक और कोलकाता के पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी द्वारा सितार पर शास्त्रीय वादन की प्रस्तुति दी जायेगी। 6 नवम्बर को भुवनेश्वर की गजेंद्र पंडा के निर्देशन में शास्त्रीय नृत्य ओडीसी की प्रस्तुति दी जायेगी। कोलकाता के पियाल भट्टाचार्य के निर्देशन में हिन्दी नाटक विक्रम संवतसर की प्रस्तुति दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि 7 नवम्बर को डॉ. हरिहरेश्वर पोद्दार के द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक की प्रस्तुति दी जायेगी। इसके पश्चात विशाल कलंबकर के निर्देशन में मालवी नाटक मालवा कीर्ति गाथा की प्रस्तुति दी जायेगी। 8 नवम्बर को उज्जैन की डॉ.खुशबू पांचाल के द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक की प्रस्तुति दी जायेगी। इसके पश्चात त्रिवेंद्रम की सुश्री मैथिल देविका द्वारा शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम की एकल प्रस्तुति दी जायेगी। 9 नवम्बर को उज्जैन की सुश्री आयुषी त्रिवेदी द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक की प्रस्तुति दी जायेगी। इसके पश्चात कोलकाता की सुश्री कौशिकी चतुर्वेदी द्वारा शास्त्रीय गायन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि 10 नवम्बर को उज्जैन की डॉ.वर्षा अग्रवाल के द्वारा संतुर वादन किया जायेगा। इसके पश्चात नई दिल्ली की सुश्री संध्या पुरेचा के निर्देशन में नृत्य नाटिका भरतनाट्यम शैली में ऋतु संहार की प्रस्तुति दी जायेगी। कालिदास समारोह के अन्तर्गत सारस्वत आयोजन भी किये जायेंगे। पांच नवम्बर को भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास विषय पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रथम सत्र आयोजित किया जायेगा। इसके बाद कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय के द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के प्रथम सत्र का आयोजन किया जायेगा। भारतीयता के पर्याय कालिदास पर आधारित पं.सूर्यनारायण व्यास व्याख्यानमाला का आयोजन किया जायेगा। इसमें शिमला से आये वक्ता पद्मश्री प्रो.अभिराज राजेंद्र मिश्र होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रयागराज के प्रो.रसबिहारी द्विवेदी करेंगे।

इसी प्रकार छह नवम्बर को भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का द्वितीय सत्र प्रारम्भ होगा। इसके पश्चात राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के द्वितीय सत्र का आयोजन कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा। इसके पश्चात शाम 5 बजे रघुवंश की पाठालोचना पर आधारित व्याख्यानमाला का आयोजन किया जायेगा। इसमें अहमदाबाद के वक्ता प्रो.वसंतकुमार भट्ट शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जैन के प्रो.सीजी विजय कुमार मेनन करेंगे।

उन्होंने बताया कि सात नवम्बर को संस्कृत कवि समवाय: कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसकी अध्यक्षता इन्दौर के प्रो.मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी करेंगे। इसमें बतौर विशिष्ट अतिथि पुरी के डॉ.प्रफुल्ल कुमार मिश्र और वाराणसी के डॉ.भगवतशरण शुक्ल शामिल होंगे। इसके पश्चात राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का तृतीय सत्र प्रारम्भ होगा।

इसके बाद कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विक्रम कालिदास पुरस्कार चयनित शोध पत्र का वाचन किया जायेगा। इसके पश्चात महाकवि कालिदास व्याख्यानमाला के अन्तर्गत चित्रकला मर्मज्ञ कालिदास के नाटकों में व्यक्ति चित्र पर व्याख्यानमाला आयोजित की जायेगी। इसमें पुणे के वक्ता डॉ.पंकज भाम्बुरकर शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उदयपुर के डॉ.श्रीनिवासन अय्यर करेंगे।

उन्होंने बताया कि आठ नवम्बर को राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का चतुर्थ सत्र प्रारम्भ होगा। इसके पश्चात अन्तरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा। इसके पश्चात कालिदास की भौगोलिक यात्रा पर व्याख्यानमाला आयोजित की जायेगी। इसमें नईदिल्ली के वक्ता प्रो.गिरीश पंत शामिल होंगे। इसकी अध्यक्षता उज्जैन के डॉ.केदारनाथ शुक्ल करेंगे।

उन्होंने बताया कि नौ नवम्बर को मालविकाग्निमित्रम से अपनी रूचि अनुसार चयनित श्लोक पर अन्तरमहाविद्यालयीन काव्यपाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। इसके पश्चात महाकवि कालिदास की रचनाओं में राजवैभव का वर्णन पर आधारित अन्तरमहाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा। इसके पश्चात कालिदास व्याख्यानमाला के अन्तर्गत वैदिक संस्कृति एवं कालिदास पर व्याख्यानमाला आयोजित की जायेगी। इसमें कुरूक्षेत्र के वक्ता प्रो.राजेश्वर प्रसाद मिश्र शामिल होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जैन के डॉ.मोहन गुप्त करेंगे और 10 नवम्बर को प्रात: 10 बजे कांकरोली के श्री छीतरमल जोशी के निर्देशन में राजस्थानी शैली में भोपा-भोपी चित्रांकन एवं गायन की प्रस्तुति दी जायेगी।

कालिदास समारोह का समापन कार्यक्रम 10 नवम्बर को होगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके होंगी। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि स्वामी रंगनाथाचार्यजी रामानुजकोट पीठाधीश्वर होंगे।

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