संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए विपक्षियों से बातचीत करेगी सरकार

बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च से शुरू होने के बाद से ही लोकसभा व राज्यसभा में कई मुद्दों पर विपक्षी पार्टियों ने अपनी मांगों को लेकर गतिरोध उत्पन्न किया है;

Update: 2018-03-22 22:27 GMT

नई दिल्ली। संसद में लगातार 14वें दिन गतिरोध जारी रहने के बाद, सरकार ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और दोनों सदनों में लंबित पड़े विधेयकों को पारित करवाने के लिए विपक्षी पार्टी के सदस्यों से मुलाकात करने का फैसला किया है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से इस बारे में संक्षिप्त चर्चा की है। वह दोबारा इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के लिए उनसे मुलाकात करेंगे। गोयल को विपक्षी नेताओं से बातचीप करने का कार्य सौंपा गया है।

मंत्री ने कहा कि वह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (अन्ना-द्रमुक) और अन्य पार्टी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।

बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च से शुरू होने के बाद से ही लोकसभा व राज्यसभा में कई मुद्दों पर विपक्षी पार्टियों ने अपनी मांगों को लेकर गतिरोध उत्पन्न किया है। तेदेपा के सदस्यों ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, कांग्रेस ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाला और अन्ना-द्रमुक ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने की मांग को लेकर सदन में विरोध दर्ज किया है। वहीं टीआरएस तेलंगाना में नौकरियों में आरक्षण कोटा बढ़ाने की मांग कर रही है।

गोयल ने कहा, "बर्बाद हो चुके 14 दिनों के बाद केवल 9 कार्य दिवस बचे हुए हैं। मैं विपक्षी पार्टियों से आग्रह करता हूं कि दोनों सदनों में महत्वपूर्ण विधयेकों को पारित करवाना सुनिश्चिति करें।"

उन्होंने पत्रकारों से कहा, "सरकार विपक्षी पार्टियों के लगातार संपर्क में है और मैं सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने के लिए निजी तौर पर विपक्षी पार्टी के सदस्यों से मुलाकात करूंगा।"

मंत्री ने कहा कि सरकार राजनीतिक पार्टियों से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार है।

गोयल ने कहा, "वास्तव में विपक्ष चर्चा से भाग रही है। हम यहां तक कि अविश्वास प्रस्ताव पर भी बातचीत के लिए तैयार हैं। हमारे पास सदन में पर्याप्त संख्या है।"

इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने अपने चैंबर में विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी और पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी (संशोधन) विधेयक पारित करने के लिए सहयोग देने के लिए कहा था।

इस विधेयक को हालांकि राज्यसभा में बिना किसी बहस के पास कर दिया गया था और उसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

लोकसभा में भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

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