सरकार सुनिश्चित करे की एनआरसी को लेकर किसी नागरिक को प्रताड़ित न किया जाये: कांग्रेस

कांग्रेस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कारण असम और सीमावर्ती मेघालय में उपजी परिस्थितियों का हवाला देकर सरकार पर राजनीतिक ध्रुवीकरण का आज लोकसभा में आरोप लगाया;

Update: 2018-08-01 15:12 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कारण असम और सीमावर्ती मेघालय में उपजी परिस्थितियों का हवाला देकर सरकार पर राजनीतिक ध्रुवीकरण का आज लोकसभा में आरोप लगाया तथा यह सुनिश्चित करने की मांग की कि इसे लेकर किसी नागरिक को प्रताड़ित न किया जाये।

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी एवं सुष्मिता देव ने शून्यकाल के दौरान बारी-बारी से यह मुद्दा उठाया। पहले  चौधरी ने कहा कि असम में 40 लाख से अधिक नागरिकों के एनआरसी के बाहर रह जाने से उनके लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गयी है, जो थमने का नाम नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में ‘ध्रुवीकरण की खेती’ कर रही है और विभिन्न स्थानों पर हमले हो रहे हैं। उनके इस बयान के बाद सत्ता पक्ष की ओर से टोकाटोकी शुरू हो गयी। 

उसके बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने देव का नाम पुकारा, जिन्होंने कहा कि एनआरसी के मुद्दे पर अनिश्चितता के कारण असम के लोग मेघालय की सीमा में घुसने लगे हैं और इसे लेकर स्थानीय लोगों से जगह-जगह झड़पें होने की आशंका नजर आ रही है। 

देव ने कहा कि सरकार ने किसी भी अप्रिय घटनाओं की रोकथाम के लिए पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात करने का दावा किया है, लेकिन साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा भी मेघालय में प्रवेश करने वाले लोगों के साथ गतिरोध पैदा करने की खबरें सुनने में आ रही हैं। उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि असम से मेघालय में प्रवेश कर रहे लोगों के साथ स्थानीय स्तर पर किसी तरह की प्रतिषेधात्मक कार्रवाई न हो।

तृणमूल कांग्रेस की अर्पिता घोष ने भी आधार और एनआरसी के जरिये देश के नागरिकों पर नजर रखने का सरकार का आरोप लगाया और इसे रोके जाने की मांग की। 

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