सरकार का निराशावाद ही दर्शाता है आर्थिक सर्वेक्षण : चिदंबरम

पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहले आर्थिक सर्वेक्षण में क्षेत्रवार कोई अनुमान नहीं है सरकार खुद अर्थव्यवस्था को लेकर निराश लग रही है;

Update: 2019-07-04 21:58 GMT

नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहले आर्थिक सर्वेक्षण में क्षेत्रवार कोई अनुमान नहीं है सरकार खुद अर्थव्यवस्था को लेकर निराश लग रही है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा कि नई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पहले आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में अध्याय एक के अंक एक का पहला वाक्य खुद को मुबारकवाद देने वाला है। 

उन्होंने कहा, "मैंने 2019-20 के आउटलुक को ढूंढा। यह अध्याय-एक के अंक दो में है, लेकिन यह सिर्फ अरोचक बयान है कि 2019-20 में आर्थिक विकास दर सात फीसदी रहने की उम्मीद है। क्षेत्रवार कोई विकास अनुमान नहीं है।"

उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण मंद आर्थिक विकास, राजस्व में गिरावट, राजकोषीय घाटा लक्ष्य से समझौता किए बगैर संसाधनों की तलाश, चालू खाते पर तेल की कीमतों का प्रभाव और केंद्र सरकार के वित्तीय मामलों में 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों का सूचक है। 

उन्होंने कहा, "मुझे चिंता है कि इनमें से कोई भी सकारात्मक या उत्साहवर्धक नहीं है।"

उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि सरकार आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से बताती है कि वह अर्थव्यवस्था को लेकर निराश है।"

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