तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र से की महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को केंद्र सरकार से संसद के आगामी सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने मांग की;

Update: 2019-06-16 23:08 GMT

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को केंद्र सरकार से संसद के आगामी सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने मांग की। साथ ही, पार्टी की मांग है कि चुनावों में मतपत्र (बैलट) का इस्तेमाल किया जाए।

संसद का आगामी सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले सर्वदलीय बैठक में टीएमसी ने सरकार से सिर्फ आपात स्थिति में ही अध्यादेश लाने का आग्रह किया। 

टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ' ब्रायन ने चुनाव सुधार के बारे में चर्चा की। उन्होंने चुनावों में सरकारी धन का उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बदले मतपत्र का इस्तेमाल किए जाने का मसला उठाया। 

लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कड़ी शिकस्त मिली। टीएमसी को 2014 में जहां 34 सीटें मिली थीं, वहां इस बार पार्टी महज 22 सीटों पर ही सिमट गई जबकि भाजपा की सीटों की संख्या दो से बढ़कर 18 हो गई। 

पश्चिम बंगाल के नेताओं ने बताया कि 14वीं और 15वीं लोकसभा के दौरान करीब 75 फीसदी बिल संसदीय समितियों के पास भेजे गए थे, जबकि 16वीं लोकसभा में सिर्फ 25 फीसदी बिल समितियों के पास भेजे गए। उन्होंने कहा कि इस तरह संसद की अनदेखी की गई। 

उन्होंने मिहिला आरक्षण विधेयक पास करने की मांग की। इस विधेयक के तहत विधायिकाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। 

16वीं लोकसभा में टीएमसी के पास 35 फीसदी सांसद महिलाएं थीं जो वर्तमान में बढ़कर 41 फीसदी हो गई है। 

टीएमसी नेताओं ने संघीय व्यवस्था के मसले पर कहा कि भाजपा की अगुवाई में केंद्र सरकार जानबूझकर प्रदेशों को निशाना बना रही है जो स्वीकार्य नहीं है। 

उन्होंने कहा कि अध्यादेश का इस्तेमाल संविधान की अवधारणा के अनुरूप में आपातकालीन औजार के रूप किया किया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने 16वीं लोकसभा के दौरान इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया। 

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