अल्पसंख्यक लड़कियों के सशक्तीकरण के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है सरकार : नकवी

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सरकार 308 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों की शिक्षा से संबंधित मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है;

Update: 2018-07-16 18:00 GMT


नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सरकार 308 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों की शिक्षा से संबंधित मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। 

नकवी ने आज यहाँ आयोजित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अल्पसंख्यक मामलों के विभागों के मुख्य सचिवों तथा सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम’ के तहत लड़कियों के शैक्षिक सशक्तीकरण एवं रोजगारपरक कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, छात्रावास, आईटीआई और कौशल विकास केंद्र का उन वंचित इलाकों में निर्माण कराया जा रहा है जहाँ आजादी के बाद से यह सुविधाएँ नहीं पहुँच पाई।

उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं की कमी का नतीजा है कि अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम समाज की लड़कियों में शिक्षा दर बहुत नीचे है। मोदी सरकार ने पिछले चार वर्षों में देश के विभिन्न पिछड़े एवं उपेक्षित क्षेत्रों में 16 डिग्री कॉलेजों, 2019 स्कूल भवन, 37,267, अतिरिक्त क्लासरूम, 1141 छात्रावास, 170 औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई), 48 पॉलीटेक्निक, 38,736 आंगनवाड़ी केंद्र 3,48,624 आईएवाई (पीएमएवाई) घर, 340 सद्भाव मंडप, 67 आवासीय विद्यालय, 436 बाजार शेड, 4436 स्वास्थ्य परियोजनाएं आदि का निर्माण किया है। इससे कमजोर, पिछड़े, अल्पसंख्यक वर्गों विशेषकर महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक पैमाने पर सुधार लाने में मदद मिली है।

नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सम्मान के साथ सशक्तीकरण’ एवं “समावेशी विकास” के संकल्प को और मजबूती से आगे बढ़ाने का मिशन सफल हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के लिए आवंटित संसाधनों में से कम-से-कम 33-40 प्रतिशत बालिका/महिला सशक्तीकरण योजनाओं के लिए उपयोग किये जायेंगे। इससे पिछड़ेपन के मामले में राष्ट्रीय औसत और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच खाई में कमी आएगी।

पहले उन गांवों को अल्पसंख्यक बहुल माना जाता था जिनमें 50 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी हो लेकिन अब इस जनसंख्या मानक को घटा कर “समावेशी विकास” के लक्ष्य के साथ 25 प्रतिशत कर दिया गया है।

Full View

 


 

Tags:    

Similar News