सरकार वाणिज्यिक संस्थाओं की तरह कार्य नहीं कर सकती : जेटली

 केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार वाणिज्यिक संस्थाओं की तरह कार्य नहीं कर सकती;

Update: 2018-02-05 23:46 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार वाणिज्यिक संस्थाओं की तरह कार्य नहीं कर सकती, यहां तक कि सरकार अगर 'वाणिज्यिक गतिविधियों में संलग्न हो' तो भी और सार्वजनिक खरीद में मामले में भी 'चुन कर चयन' नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि 'चुन कर चयन करने की प्रणाली' ना सिर्फ अन्यायी है, बल्कि कभी-कभी इससे 'भष्ट्राचार और भाईभतीजा' के गंभीर आरोप भी लग सकते हैं।

जेटली ने यहां दक्षिण एशियाई सरकारी खरीद सम्मेलन में कहा, "दशकों पहले यह अवधारणा अस्तित्व में था कि सरकार किसी भी तरह की वाणिज्यिक इकाई के रूप में कार्य करने के लिए स्वतंत्र थी। लेकिन अब हम स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर हैं, जहां राज्य केवल एक विशेष तरीके से ही कार्य कर सकता है, खासतौर से बात जब सार्वजनिक खरीद की हो।"

उन्होंने कहा कि जब खरीद, करार, और यहां तक कि सार्वजनिक-निजी ठेके के मामलों की बात आती है, तो प्रक्रिया निष्पक्ष होना चाहिए और सरकारों को इसका पालन करना होता है। 

जेटली ने कहा, "यह पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि राज्य अपने नागरिकों को अपनी खरीद के मामले में सर्वोत्तम मूल्य और सर्वोत्तम गुणवत्ता का प्रबंधन करने में सक्षम है।"
 

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