सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को देशद्रोही का बता देती है सरकार: शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने महाराष्ट्र में सामाजिक कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी सरकार की शुरू से यह रणनीति रही है;

Update: 2018-09-03 17:13 GMT

नई दिल्ली।  कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने महाराष्ट्र में सामाजिक कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी सरकार की शुरू से यह रणनीति रही है। वे सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को देशद्रोही, हिंदू विरोधी जैसे लेबल दे देते हैं और यह सब एक साजिश के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य समाज को बांटकर रखना है। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के 'नाली के कीड़े' वाले आपत्तिजनक बयान पर थरूर कहते हैं, "मुझे लगता है कि भाजपा के इस तरह के घटिया बयानों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। मुझे खुशी है कि मैंने इस बयान पर ध्यान भी नहीं दिया।"

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने 'शहरी नक्सली' शब्द गढ़े जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह केंद्र सरकार की साजिश है कि जो लोग आपसे सहमत नहीं हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लेबल दे दो, कभी उन्हें देशद्रोही करार दे दो, कभी हिंदू विरोधी कह दो। इस तरह किसी का अपमान कर, उन पर हमला कर घटिया लेबल लगाना लोकतंत्र नहीं है।"

वह कहते हैं, "मैं वामपंथी विचारधारा में यकीन नहीं करता हूं, लेकिन संविधान कहता है कि हमें हर विचारधारा का सम्मान करना चाहिए और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो देश को नफरत की आग में झोंक रहे हैं। तथ्य यह है कि लोकतंत्र का मतलब सिर्फ बहुमत नहीं है। लेकिन लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है और अब बहुमत का यह दायित्व है कि वह अल्पसंख्यकों की जरूरतों का ध्यान रखे।"

अटल बिहरी वाजपेयी के कथन का जिक्र करते हुए थरूर कहते हैं, "वाजपेयी जी कहते थे कि मैं अपने विरोधियों का सम्मान करता हूं। वे कहते थे कि मतभेद करो लेकिन मनभेद मत करो। मगर यह सरकार जिस तरह से बर्ताव कर रही है, वह सभ्यता के दायरे में तो नहीं आता।"

मोदी सरकार के हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के वादे का जिक्र करने पर थरूर कहते हैं, "यह सरकार युवाओं को सपने दिखाकर सत्ता में आई थी। हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन अब आप देखें तो इन बीते चार वर्षो में सरकार को आठ करोड़ नौकरियां उपलब्ध करानी चाहिए थी। लेकिन सिर्फ 18 लाख नौकरियां ही सरकार दे पाई है। युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं, वे सरकार से फ्रस्टेट हो चुके हैं। जब सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही है, तब लोग समझ रह हैं कि सरकार ने किस तरह की ठगी की है।"

थरूर ने युवाओं को विश्व की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा, "मुझे यह देखकर खुशी होती है कि आज का युवा देश के मुद्दों पर सोच रहा है और सरकार से सवाल कर रहा है। जरूरी है कि उनकी बातें सुनी जाए। उन्हें अवसर देना जरूरी है, ताकि वे अपनी बात रखें और 'यूथ की आवाज' जैसे मंच इस तरह के सार्थक प्रयास कर रहे हैं।"

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