वर्चुअल क्यों नहीं चल सकता मॉनसून सत्र ?,अधीर रंजन चौधरी और चिदंबरम ने लिखा पत्र
संसद का मॉनसून सत्र कब से शुरू होगा, इसकी तारीख अभी सामने नहीं आई है, लेकिन मोदी सरकार साफ कह चुकी है कि सत्र बुलाया जाएगा…इसे लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. विपक्षी दल सरकार से वर्चुअल सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं;
संसद का मॉनसून सत्र कब से शुरू होगा, इसकी तारीख अभी सामने नहीं आई है, लेकिन मोदी सरकार साफ कह चुकी है कि सत्र बुलाया जाएगा…इसे लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. विपक्षी दल सरकार से वर्चुअल सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है. देश में आई स्वास्थ्य मुसीबत की वजह से मार्च से संसद की कार्यवाही ठप पड़ी है. जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस नहीं हो पा रही है. ना रोजगार पर बात है, ना अर्थव्यवस्था पर कोई काम है, इन्हीं अधूरे कामों को पूरा करने के लिए संसद का मॉनसूत्र बुलाया जा रहा है, लेकिन नेताओं को महामारी का डर सता रहा है, यही वजह कि लगातार वर्चुअल सत्र की मांग की जा रही है. कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम सभी यह देख रहे हैं कि देशभर में महामारी से कोई राहत नहीं मिल रही है. इन परिस्थितियों में मैं आपको एक सुझाव देना चाहता हूं कि जो सदस्य शारीरिक रूप से सदन में उपस्थित नहीं हो सकते, उन्हें ऐप के माध्यम से बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. वहीं कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को लिखा है, जिसमें उन्होंने वर्चुअल भागीदारी की अनुमति देने की अपील की है. चिदंबरम ने लिखा कि "आप इस बात से सहमत होंगे कि जब राज्यसभा के करीब 245 सदस्य एक जगह एकत्र होंगे और करीब 300 अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी उपस्थिति होंगे तो ऐसे में वायरस के प्रसार से बचना लगभग असंभव है. उन्होंने मोदी सरकार पर बरसते हुए कहा कि सरकार को सांसदों की सेहत का ख्याल रखना चाहिए. जब पीएम मोदी ऑनलाइन को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो फिर सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता…ऑनलाइन सत्र को लेकर ना सिर्फ कांग्रेस मांग कर रही है. बल्कि टीएमसी समेत कई दलों ने सरकार से अपील की है. टीएमसी तो ये भी कह चुकी है कि जब पीएम मोदी वर्चुअल तरह से कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं तो फिर सांसदों को क्यों बुलाया जा रहा है. अब विपक्ष तो लगातार मांग कर रहा है, ऐसे में देखना होगा कि सरकार क्या फैसला लेती है.