2 से गांधीवादी किसान सत्याग्रह 10 दिन तक राजधानी में
छत्तीसगढ़ में भाजपा सत्ता में आने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता किसानों से तरह-तरह के वायदे करती आ रही है पर सत्ता में आने के बाद अपने किये वायदों से मुकर जाना उनक फितरत है;
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा सत्ता में आने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता किसानों से तरह-तरह के वायदे करती आ रही है पर सत्ता में आने के बाद अपने किये वायदों से मुकर जाना उनक फितरत है। 2008 के आम चुनाव में 270 रुपये प्रति क्ंिव. की दर से बोनस, 5 हार्स पावर के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली व ब्याज मुफ्त ऋण देने का वायदा किया।
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश व्यापी आंदोलन के कारण बोनस तो दिया पर पूरे पांच साल में एक बार के अलावा उनने अपना वायदा पूरा ही नहीं किया है। 2013 के चुनाव में भी धान खरीदी का समर्थन मूल्य 2100 रुपये प्रफति क्ंिव. तथा उस पर 300 रुपये प्रति क्ंिव. बोनस सत्ता में आने के बाद उससे भी मुकर गयी।
आज स्थिति यह है कि किसानों को मुफ्त बिजली के बदले महंगी बिजली, समर्थन मूल्य मात्र 1590 प्रति क्ंिव. से धान की खरीदी की जा रही हैा पर दाना-दाना नहीं।
उक्ताशय की जानकारी आज एक पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रशाद ने दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के किसानों को छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं कार्यकर्ताओं द्वारा किसान रथ के माध्यम से जनजागरण कर अलख जगाया है और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के झूठ फरेब से अवगत कराया है।
उन्होंने यह समझ लिया है कि किसान भूख से मरे या कर्ज से परेशान आत्महत या फांसी के फंदे से या फिर सरकार के फरेब से पुलिस के लाठी गोली से मरना तो उन्हें ही है चाहे आज मरे या कुछ साल बाद। सरकार को गांधीवादी तरीके से अपने किये वायदों को पूरा करने हेतु सत्याग्रह करेगी जिसमें प्रदेश भर के किसान भाग लेंगे।