जल संसाधन मंत्रालय से जुड़े संस्थानों से गडकरी ने मांगी रिपोर्ट

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के तहत काम करने वाले संस्थानों के पांच साल के कामकाज की समीक्षा के लिए उनसे रिपोर्ट मांगी है;

Update: 2017-09-07 18:24 GMT

नयी दिल्ली। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के तहत काम करने वाले संस्थानों के पांच साल के कामकाज की समीक्षा के लिए उनसे रिपोर्ट मांगी है, श्री गडकरी ने कार्यभार संभालने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मंत्रालय से जुड़े संस्थानों के कामकाज की जानकारी ली।

अधिकारियों ने बताया कि वापकोस लिमिटेड अच्छा काम कर रहा है और राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम के काम में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने मंत्रालय से जुड़े कुछ संस्थानों के कामकाज की विस्तार से समीक्षा के लिए उनसे रिपोर्ट देने काे कहा है।

मंत्रालय के सहयोगी संस्थानों में केंद्रीय भूजल बोर्ड, केंद्रीय मृदा शोध संस्थान नयी दिल्ली, केंद्रीय जल और ऊर्जा संस्थान पुणे, फरक्का बैराज परियोजना, गंगा बांध नियंत्रण आयोग, नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण इंदौर, नेशनल हाइड्रोलाजी इंस्टीच्यूट रुडकी, सरदार सरोवर कंस्ट्रक्शन एडवाइजरी कमीटी, तुंगभद्रा बोर्ड, वापकोस लिमिटेड, नेशलन वाटर डेवलपमेंट एजेंसी, बाणसागर नियंत्रण बोर्ड,बेतवा रीवर बोर्ड, अपर यमुना रीवर बोर्ड, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग तथा नरेवाल्म शामिल है।

जल संसाधन मंत्रालय के सहयोगी संगठनों में केंद्रीय जल आयोग प्रमुख है। यह जल संसाधन के क्षेत्र में देश का प्रतिष्ठित संस्थान है और इसके कामकाज का दायित्व इसके अध्यक्ष का होता है।

इसी तरह से केंद्रीय भूजल बोर्ड भी मंत्रालय का महत्वपूर्ण संगठन है और इसका गठन भूनजल के संरक्षण, इस संबंध में राष्ट्रीय नीति बनाने तथा तकनीकी उपाय करने जैसे कदम उठाने के लिए किया गया है।

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