ललित सुरजन की कलम से- देवयानी के बहाने भारत का अपमान
अमेरिका में भारतवंशियों की एक पूरी पीढ़ी तैयार हो गई है, जिसने वहां जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं;
'अमेरिका में भारतवंशियों की एक पूरी पीढ़ी तैयार हो गई है, जिसने वहां जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें बॉबी जिंदल, सुनीता विलियम्स, विक्रम पंडित, निक्की हेली और ऐसे तमाम लोग शामिल हैं।
इनको देख-देखकर हमें ऐसा कुछ अभिमान होता है मानो भारत ने विश्व विजय हासिल कर ली हो। हम भूल जाते हैं कि ये सब अमेरिकी नागरिक हैं जिन्होंने वहां के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली है और भारत उनके लिए अंतत: पराया देश है।'
'इन भारतवंशी नागरिकों में अपने देश अमेरिका की राजनीति में आगे बढ़ने की इच्छा हो, यह स्वाभाविक है। फिलहाल दो भारतवंशी अमेरिकी राज्यों में गवर्नर पद पर आसीन हैं। किसी दिन कोई राष्ट्रपति भी बन जाए तो हमें आश्चर्य नहीं होगा; लेकिन मॉरिशस, सूरीनाम और फिजी इत्यादि के भारतवंशियों का अपने पुरखों की धरती से जो रागात्मक संबंध है, वह अमेरिका के इन भारतवंशियों में शायद नहीं है। इसलिए कि वे किसानों व मजदूरों की संतानें हैं और ये सम्पन्न सुविधाभोगी भारतीयों के वंशज।'
(देशबन्धु में 26 दिसंबर 2013 को प्रकाशित)
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