संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का निधन
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव एवं नोबेल पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान का आज निधन हो गया;
बर्न। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव और नोबेल पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान को शुक्रवार को निधन हो गया। इसके बाद दुनियाभर के नेताओं और राजनयिकों में दुख की लहर दौड़ गई। कोफी अन्नान फाउंडेशन ने कहा कि अन्नान दुनिया का सर्वोच्च राजनयिक पद संभालने वाले पहले अश्वेत अफ्रीकी व्यक्ति थे, जिन्होंने इस पद पर 1997 से 2006 तक दो कार्यकाल पूरे किए। उनका निधन स्विट्जरलैंड के एक अस्पताल में हुआ। उनके परिवार में उनकी पत्नी नैन और तीन बच्चे- अमा, कोजो और नीना हैं।
अन्नान पिछले कई सालों के जेनेवा के निकट रह रहे थे। उनके देश घाना ने एक सप्ताह का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
उनके फाउंडेशन ने एक बयान में उन्हें वैश्विक नेता और जीवन भर न्याय और शांति की वकालत न करने वाला प्रतिबद्ध अंतर्राष्ट्रीयवादी बताया।
बयान के अनुसार, वे शांति, सतत विकास, मानवाधिकारों और कानून व्यवस्था के नायक थे।
अन्नान को 2001 में संयुक्त राष्ट्र के साथ संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया था। उन्हें यह पुरस्कार एक बेहतर संगठित और अधिक शांतिपूर्ण विश्व के लिए दिया गया। उनके संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यकाल के दौरान ही इराक युद्ध और एचआईवी, एड्स महामारी फैली थी।
इसके बाद उन्होंने सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने यहां संघर्ष का शांतिपूर्ण हल निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थी संकट की जांच करने वाले संयुक्त राष्ट्र आयोग का भी नेतृत्व किया था।
संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अपने पूर्ववर्ती अन्नान को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें अच्छाई की एक मार्गदर्शक शक्ति बताया।
गुटेरस ने कहा, "कोफी अन्नान कई मायनों में स्वयं में संयुक्त राष्ट्र थे। वह अद्वितीय गरिमा और ²ढ़संकल्प के साथ नई सदी में प्रगति के रास्ते तय करते हुए संस्थान के सर्वोच्च पद पर पहुंचे और उसका नेतृत्व किया।"
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्नान के निधन पर दुख जताते हुए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का विवेकशील रखवाला बताया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त जीद राद अल हुसैन ने कहा कि अन्नान के निधन की खबर सुनकर उन्हें बहुत दुख पहुंचा है।
घाना के राष्ट्रपति नाना अकोफू-अड्डो ने देशभर में तथा दुनियाभर में स्थित अपने राजनयिक मिशनों में सोमवार से सात दिनों तक राष्ट्रीय झंडा झुकाने का निर्देश दे दिया है। उन्होंने अन्नान को देश के सर्वश्रेष्ठ निवासियों में से एक बताया।
इंग्लैंड की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा, "अन्नान एक महान नेता और संयुक्त राष्ट्र के सुधारक थे, उन्होंने दुनिया के निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया। उन्होंने दुनिया को वर्तमान में अपने जन्म के समय से बेहतर बना दिया है।"
हालांकि अन्नान भी आलोचना से नहीं बच सके। उनके आलोचक 1990 के दशक में रवांडा में नरसंहार रोकने में संयुक्त राष्ट्र की असफलता के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराते थे। उस समय वे संगठन की शांति स्थापना करने वाले अभियानों का नेतृत्व कर रहे थे।
इराक पर अमेरिकी हमले के बाद भोजन के बदले तेल घोटाले में अन्नान और उनके बेटे आरोपी थे। इसके बाद कुछ लोगों ने उनसे त्यागपत्र भी मांग लिया था, हालांकि बाद में वे निर्दोष साबित हुए थे।