महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों के तबादलों को लेकर डाला अनुचित प्रभाव : सीबीआई

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में मुंबई के पूर्व पुलिस अफसर सचिन वाजे को सरकारी गवाह के तौर पर दिखाया है। इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व शीर्ष अधिकारी परमबीर सिंह को भी आरोपी बनाया गया है;

Update: 2022-06-03 00:57 GMT

नई दिल्ली। सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके दो निजी सचिवों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे के खिलाफ दायर 100 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में दायर अपने आरोप पत्र में उल्लेख किया है कि देशमुख और अन्य ने कथित तौर पर अपने सार्वजनिक कर्तव्यों का अनुचित इस्तेमाल किया और बेईमानी दिखाते हुए अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया था।

आरोप पत्र (चार्जशीट) में कहा गया है, "देशमुख और अन्य ने पुलिस अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर अनुचित प्रभाव डाला था।"

आरोप पत्र गुरुवार को मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल किया गया।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में मुंबई के पूर्व पुलिस अफसर सचिन वाजे को सरकारी गवाह के तौर पर दिखाया है। इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व शीर्ष अधिकारी परमबीर सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट 49 पेज से अधिक की है। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि वाजे का बयान अभियोजन पक्ष के मामले को साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि वह सरकारी गवाह बन गया है।

सीबीआई के एक सूत्र ने आरोप पत्र का हवाला देते हुए कहा, "देशमुख और वाजे अक्सर फोन पर बात करते थे। दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच, वाजे ने कथित तौर पर मुंबई में स्थित ऑर्केस्ट्रा बार के मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए। देशमुख के पीए शिंदे ने कथित तौर पर वाजे से उक्त राशि एकत्र की। देशमुख के पीएस सूर्यकांत पलांडे कथित तौर पर देशमुख की ओर से निर्देश पारित करते थे।"

बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने 6 अप्रैल, 2021 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी।

सीबीआई ने जांच के बाद 21 अप्रैल, 2021 को देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

देशमुख को 2 नवंबर, 2021 को सीबीआई ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।

मामले में आगे की जांच अभी भी जारी है।

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