देवरिया में साढ़े तीन दशकों से सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने कसी कमर

उत्तर प्रदेश के देवरिया में साढ़े तीन दशकों से एक अदद जीत को तरस रही कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में बुलंद इरादे के साथ मैदान पर उतरेगी;

Update: 2019-02-09 13:18 GMT

देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया में साढ़े तीन दशकों से एक अदद जीत को तरस रही कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में बुलंद इरादे के साथ मैदान पर उतरेगी। 

अभी तक के हुये लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस ने यहां से चार बार विजय प्राप्त की है। 1984 के बाद से यहां कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका है। 

वर्ष 1946 में अस्तित्व में आने वाले देवरिया में 1957 के आम चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी रामजी वर्मा सांसद बने थे। उसके बाद से लगातार तीन बार सन 1971 तक कांग्रेस के विश्वनाथ राय जीतते रहे। 1984 के चुनाव में अंतिम बार कांग्रेस के राज मंगल पाण्डेय यहां से विजयी हुये थे। इसके बाद से यहां से कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार विजय प्राप्त नहीं कर सका है। 

देवरिया संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा मे देवरिया, रामपुर कारखाना, पथरदेवा, फाजिलनगर और तमकुही राज आती हैं। जिसमें तमकुहीराज में कांग्रेस के लल्लू सिंह के अलावा बाकी चार विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के विधायक हैं। 

यहां के मौजूदा सांसद पूर्व मंत्री भाजपा के कलराज मिश्रा हैं। इस बार यहां से भाजपा से कई दावेदार अपनी अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं जिसमें कलराज के अलावा शंशाक मणि, शलभ मणि, देवेन्द्र प्रताप सिंह हैं।

सपा-बसपा के गठबंधन के बाद यह देखना होगा कि यह सीट किस पार्टी के खाते में जाती है। वैसे सपा के पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी भी यहां से अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी के नेता तथा 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहने वाले नियाज़ अहमद भी बसपा से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। 

कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह यहां से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं और उनकी उपस्थिति देवरिया में देखी जा रही है। अब देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खोई जनाधार को एक बार फिरसे पाने के लिये कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाकर प्रियंका गांधी बाडरा कांग्रेस की दशा सुधारने के लिये लाया गया है। क्या इसका असर देवरिया लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। यह आनेवाला समय बतायेगा। 
 

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