शशि थरूर ने खोल दी ट्रंप के दावों की पोल, बताया कैसे पाकिस्तान ने कार्रवाई रोकने के लिए कहा

शशि थरूर ने अलग-अलग स्तर के अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि न तो शांति को बढ़ावा देने के लिए व्यापार का इस्तेमाल करने की कोई धमकी दी गई थी और न ही भारत को 'यह करो या वह करो' कहने की कोई कोशिश की गई थी।;

Update: 2025-12-16 04:42 GMT

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को रोकने के लिए व्यापार का इस्तेमाल किया था। अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि शांति को बढ़ावा देने के लिए व्यापार का इस्तेमाल करने की कोई धमकी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि न ही भारत को 'यह करो या वह करो' कहने की कोई कोशिश की गई थी। उन्होंने सरकार के अलग-अलग स्तर के अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत का हवाला देते हुए ये बातें कहीं।

गैर सरकारी संगठन ‘कट्स इंटरनेशनल’ द्वारा आयोजित एक टॉक में, थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावों पर अपने रुख को दोहराया, जो कांग्रेस के आधिकारिक रुख से अलग है। ट्रंप के दावों के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, 'जब मैं वॉशिंगटन में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहा था, तब मुझसे इसके बारे में पूछा गया था। मैंने कहा कि भारत को कभी मनाने की जरूरत नहीं पड़ी। हमने 6-7 मई की रात को पहले ही हमले से यह संकेत दे दिया था कि हम पाकिस्तान के साथ लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष में दिलचस्पी नहीं रखते हैं।

उन्होंने सरकार के अलग-अलग स्तर के अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि न तो शांति को बढ़ावा देने के लिए व्यापार का इस्तेमाल करने की कोई धमकी दी गई थी और न ही भारत को 'यह करो या वह करो' कहने की कोई कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, 'हम बहुत ही सटीक तरीके से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर मार कर रहे थे। हम पाकिस्तानी नागरिकों की जगह, सरकारी स्थानों और यहां तक कि सैन्य क्षेत्रों में हमला करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरत रहे थे। अगर पाकिस्तानी ने जवाबी कार्रवाई करने का फैसला नहीं किया होता, तो हमारा काम पूरा हो गया होता।'

उन्होंने कहा कि अब जब पाकिस्तानी ने कार्रवाई की, तो 'उस समय हमें भी जवाब देना था, लेकिन जिस पल वो रुके हम रुक गए थे।' उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान ने आकर कहा कि इस रोका जाए, तो हमने इसे रोक दिया था।ट्रंप का नाम लेकर क्या कहाउन्होंने कहा, 'दूसरी और जैसा कि मैंने कहा कि मैं यहां बगैर किसी जानकारी के बात कर रहा था, क्योंकि मुझे सरकार से कोई ब्रीफिंग नहीं मिली थी। हमें नहीं पता कि वॉशिंगटन और इस्लामाबाद में क्या बात हुई थी। अगर ट्रंप ने पाकिस्तानियों को शांति के लिए बातचीत में करने में अहम भूमिका निभाई है, तो शांति प्रिय देश होने के नाते हम उनके आभारी हैं।'

उन्होंने कहा, 'जैसा कि मैं सरकार के अधिकारियों से हुई बातचीत के दौरान समझा कि ट्रंप से सीधी कोई बात नहीं हुई थी। न ही शांति के लिए व्यापार की कोई धमकी दी गई थी। न ही भारत को ऐसा कहने की कोशिश की गई थी कि आप ऐसा करें या वैसा करें।'उन्होंने साफ किया है कि वह सरकार में नहीं है और ऐसे में उनके पास कोई गोपनीय जानकारी नहीं है।

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