ममता ने बंगाल की रोजगार गारंटी योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मनरेगा योजना से राष्ट्रपिता का नाम हटाया जाना बेहद शर्मनाक है। अगर केंद्र राष्ट्रपिता को सम्मान नहीं दे सकता तो हम देंगे।;

Update: 2025-12-18 13:56 GMT

कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा पूर्ववर्ती यूपीए जमाने की मनरेगा रोजगार योजना का नाम बदलकर विकसित भारत- जी रामजी करने के कदम की गुरुवार को कड़ी आलोचना करते हुए राज्य सरकार की रोजगार गारंटी योजना कर्मश्री का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की।

ममता ने कोलकाता के धनधान्य आडिटोरियम में राज्य सरकार द्वारा आयोजित व्यापार व उद्योग सम्मेलन के मंच से बिना नाम लिए भाजपा व मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र द्वारा मनरेगा योजना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना बेहद शर्मनाक है।

ममता ने कहा कि अगर वह लोग (भाजपा व केंद्र) राष्ट्रपिता को सम्मान नहीं दे सकते तो हम देंगे। अब हम अपने राज्य की कर्मश्री योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेंगे। ममता की ओर से यह घोषणा ऐसे समय आई है जब विपक्षी दलों के भारी विरोध व हंगामे के बीच गुरुवार को लोकसभा ने विकसित भारत रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक या जीरामजी विधेयक पारित कर दिया, जो महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा। यह योजना ग्रामीण इलाकों में गरीब लोगों को रोजगार की गारंटी देता है। योजना का नाम बदलने को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर काफी हमलावर है।

भ्रष्टाचार के कारण दिसंबर, 2021 से बंद है मनरेगा की राशि

बता दें कि मनरेगा की निधि बंद किए जाने पर ममता सरकार ने 2024 में कर्मश्री योजना शुरू की थी। भ्रष्टाचार के कारण दिसंबर, 2021 से ही केंद्र मनरेगा योजना में बंगाल की निधि रोक कर रखा है। इसको लेकर बंगाल सरकार हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम तक जा चुकी है।कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस साल एक अगस्त 2025 से केंद्र को बंगाल में मनरेगा योजना फिर से लागू करने का निर्देश दिया था।

अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका को खारिज करते हुए एक अगस्त से इसे लागू करने का निर्देश दिया था। बावजूद अब तक यह लागू नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बंगाल को बदनाम करने के लिए झूठी खबरें व गलत जानकारी इंटरनेट मीडिया में फैलाई जा रही है।

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