बंगाल के SIR में सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम बन गए अवस्थी, चुनाव आयोग पर भड़का बेटा
अपनी फेसबुक पोस्ट में अजीज ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने मुझे और मोहम्मद सलीम को ब्राह्मण बना दिया। उन्होंने फेसबुक पर वोटर रोल ड्राफ्ट की डिटेल्स शेयर की हैं। इसमें लास्ट नाम में बंगाली भाषा में अवस्थी लिखा हुआ है।;
कोलकाता। देशभर के कई राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच, पश्चिम बंगाल में सीपीएम नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम के बेटे ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आतिश अजीज ने बताया है कि बंगाल एसआईआर में जारी हुए वोटर रोल के ड्राफ्ट में उनका और उनके पिता (सलीम) दोनों के नाम के आगे अवस्थी लगा दिया गया है।
अपनी फेसबुक पोस्ट में अजीज ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने मुझे और मोहम्मद सलीम को ब्राह्मण बना दिया। उन्होंने फेसबुक पर वोटर रोल ड्राफ्ट की फोटोज भी शेयर की हैं। इसमें लास्ट नाम में बंगाली भाषा में अवस्थी लिखा हुआ है। जबकि मोहम्मद सलीम के नाम में भी अवस्थी हो गया है।
अजीज ने कहा, मेरे पिता दशकों से राजनीति में हैं। अगर उनके मामले में ऐसी गलती हो सकती है, तो कोई सोच ही सकता है कि दूसरों के साथ क्या हुआ होगा। सलीम ने इस मौके पर चुनाव आयोग पर हमला बोला। उन्होंने द टेलीग्राफ अखबार से कहा, यह गलती दिखाती है कि एसआईआर जैसे गंभीर काम को इलेक्शन कमीशन ने बहुत हल्के में लिया है। उसने जरूरी तैयारी नहीं की और काम करने वाले अधिकारियों को जरूरी ट्रेनिंग भी नहीं दी।
सीपीएम नेता ने आगे कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी और चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने एसआईआर को एक मजाक बना दिया है। बता दें कि चुनाव आयोग ने बीते दिन पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी। इसमें 58 लाख नाम काटे गए हैं, जिसमें से 24 लाख वोटर्स मृत घोषित हैं, जबकि 19 लाख वोटर्स को कहीं और शिफ्ट हुए दिखाया गया है। वहीं, 12 लाख वोटर्स 'गायब' हैं। बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
'EC ने मुझे और मेरे पिता को ब्राह्मण बना दिया'
अपने पोस्ट में अतिश ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा कि मीडिया के कुछ वर्ग और बीजेपी यह दावा कर रहे थे कि SIR के जरिए मुसलमानों पर शिकंजा कसा जाएगा, लेकिन चुनाव आयोग ने उल्टा मुझे और मेरे पिता को ‘ब्राह्मण’ बना दिया।” अतिश अजीज ने ड्राफ्ट मतदाता सूची की तस्वीरें भी साझा की हैं, जिनमें उनके और उनके पिता के नाम के साथ ‘अवस्थी’ जुड़ा हुआ दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि CPI(M) के बूथ-लेवल एजेंट को इस बारे में सूचित कर दिया गया है और मामला मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय के समक्ष उठाया जा रहा है।
16 दिसंबर को जारी हुआ था ड्राफ्ट
गौरतलब है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के पहले चरण के तहत गणना प्रपत्रों (एन्यूमरेशन फॉर्म) के डिजिटाइजेशन के बाद 16 दिसंबर को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित किए गए थे। अब इस कथित नाम परिवर्तन ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिस पर विपक्षी दलों ने भी आयोग से जवाब की मांग शुरू कर दी है।