एफएटीएफ ने पाक को 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रखा, कुरैशी ने कहा, ये 'भारत के लिए हार'
पाकिस्तान को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा है। वह विश्व के शीर्ष आतंकवाद रोधी निगरानी समूह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर होने में विफल रहा है;
इस्लामाबाद। पाकिस्तान को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा है। वह विश्व के शीर्ष आतंकवाद रोधी निगरानी समूह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर होने में विफल रहा है।
इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार पेरिस स्थित एफएटीएफ की आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पूरा करने में विफल रही है, इसलिए पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही बनाए रखने का फैसला लिया गया है।
शुक्रवार को अपने तीन दिवसीय वर्चुअल पूर्ण सत्र के समापन के बाद, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में रखने का फैसला किया।
सूत्रों ने कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को लेकर पाकिस्तान के लिए जो 27 मापदंड तय किए गए थे, उनका पालन करने में वह विफल रहा है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था। इसके बाद से इस संगठन ने पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए 27 बिंदुओं की कार्य योजना को 2019 के अंत तक लागू करने को कहा था। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इस समयसीमा को बढ़ा दिया गया था।
इससे पहले एफएटीएफ की बैठक में फरवरी में हुई थी। उसमें भी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था। एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया था। हालांकि, जून में इस समय अवधि को चार महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था।
इस बार हुई बैठक में इसकी समीक्षा की गई कि पाकिस्तान चरमपंथ की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में कितना कामयाब रहा है।
एफएटीएफ ने दोहराया है कि पाकिस्तान को अपनी कार्ययोजना के कार्यान्वयन पर काम करना जारी रखना होगा और इसकी रणनीतिक कमियों को दूर करना होगा।
एफएटीएफ के निर्णय ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान की ग्रे सूची से बाहर का एकमात्र तरीका 27-सूत्रीय कार्य योजना का अनुपालन है, मगर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत की काली सूची में पाकिस्तान को फिसलते हुए देखने की इच्छा थी, मगर नई दिल्ली की योजना विफल हो गई है।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में धकेलने की भारत की योजना विफल होगी, क्योंकि देश ने वैश्विक धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण निगरानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं।"
कुरैशी ने कहा, "मैं इसे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत पाकिस्तान को काली सूची में धकेलने के लिए अपने डिजाइन में विफल हो जाएगा। दुनिया ने आज स्वीकार किया है कि सरकार और संसद ने एफएटीएफ की कार्ययोजना के संबंध में ठोस कदम उठाए हैं।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान में उल्लिखित 27 बिंदुओं में से कम से कम 21 बिंदुओं का अनुपालन किया है, उम्मीद है कि दुनिया देश द्वारा उठाए गए कदमों को स्वीकार करेगी।