किसानों ने मांगों को लेकर निकाला रोष मार्च, फूंका मुख्यमंत्री का पुतला

हरियाणा के सिरसा में सोमवार सुबह जिलेभर के सैंकड़ों किसान बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर चौक पर एकत्रित हुए;

Update: 2023-06-05 22:52 GMT

सिरसा। हरियाणा के सिरसा में सोमवार सुबह जिलेभर के सैंकड़ों किसान बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर चौक पर एकत्रित हुए। किसान विभिन्न मांगों को लेकर कंधों पर मुख्यमंत्री के पुतले की अर्थी उठाकर रोष मार्च निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। इसके बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता से मिला ओर मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा।

किसानों ने बताया कि धान का सीजन नजदीक है और ऐलनाबाद क्षेत्र के 51 ट्यूबवैल कनैक्शन पेंडिंग है, जिस पर उपायुक्त ने विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता से बात की और आश्वस्त किया कि धान का सीजन शुरू होने से पूर्व कनैक् शन लगा दिए जाएंगे। इसके साथ-साथ हिसार-घग्गर ड्रेन पर जो साइफन बनना था, उसका काम भी जल्द शुरू करवाने का किसानों को आश्वासन दिया।

किसान नेता लखविंद्र सिंह ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। तीन सालों से किसानों की फसल तेज बरसात, ओलावृष्टि व बीमारी से खराब हो रही है। सरकार ने खरीफ -2020 में मुआवजे का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है।

रबी-2023 में ओलावृष्टि और भारी बरसात से सिरसा जिले के लगभग 75 गांवों की फसल बर्बाद हो गई थी, लेकिन सरकार ने 10 करोड़ 49 लाख ही मुआवजा जारी किया है, जो कि प्रति एकड़ एवरेज 1710 बनता है, जो कि किसानों के साथ भद्दा मजाक है। दूसरा जो किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हैं, कंपनी बीमा प्रीमियम निर्धारित तारीख को किसान के खाते से काट लेती है, लेकिन जब किसान की फसल बर्बाद हो जाती है तो उसका बीमा क्लेम देने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाती है।

श्री लखविंद्र सिंह ने कहा कि यही नहीं सरकारी को-ऑपरेटिव बैंकों से किसान अपनी फसल पालने के लिए जो कर्ज लेते थे, उस पर पहले कोई ब्याज नहीं लिया जाता था, लेकिन अब हरियाणा सरकार ने किसानों से सात प्रतिशत ब्याज वसूलने का तुगलकी फरमान जारी किया है।

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