किसान के परिजनों ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग

मरवाही के पिपरिया गांव के आदिवासी किसान सुरेश सिंह की आत्महत्या के मामले में मृतक किसान परिवार को न्याय दिलाने के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने शनिवार 16 जून को पेण्ड्रा थाने का घेराव किया;

Update: 2018-06-19 15:05 GMT

पेण्ड्रा। मरवाही के पिपरिया गांव के आदिवासी किसान सुरेश सिंह की आत्महत्या के मामले में मृतक किसान परिवार को न्याय दिलाने के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने शनिवार 16 जून को पेण्ड्रा थाने का घेराव किया।

घेराव में मृतक के परिजन भी शामिल थे। इस दौरान शोक में डूबे मृतक किसान की मां, पत्नी और भाई ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कहा कि साहब इस मामले में दोषियों को दंड दिया जाए और उनके साथ न्याय किया जाये। घेराव में शामिल मृतक के परिजनों सहित सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर छोड़ दिया।

मरवाही के पिपरिया गांव के किसान सुरेश सिंह मराबी ने कर्ज से परेशान होकर 7 जून को आत्महत्या कर लिया था। उसकी आत्महत्या के मामले में शासन-प्रशासन द्वारा किये जा रहे लीपा पोती से मृतक के परिजनों में भी जबरदस्त आक्रोश है क्योंकि प्रशासन ने जांच कराकर जांच रिपोर्ट के हवाले से बयान जारी किया था

कि मृतक किसान पर कोई कर्ज बाकी नहीं था उसका सब कर्ज बीमा की राशि में समायोजित हो चुका था इसलिए उसने अन्य किसी कारण से आत्महत्या किया होगा।

प्रशासन का यह बयान मृतक किसान के शोकाकुल परिजनों के लिए उस समय जख्म में नमक छिड़कने जैसा साबित हुआ जब मृतक के भाई ने सहकारी बैंक में मृतक के खाते के लेनदेन का विवरण दर्ज कराया तो उसे पता चला कि पीड़ित किसान की मौत तो 7 जून को हो गई थी

जबकि मामले में लीपा पोती करने के लिए प्रशासनिक दबाव में सहकारी बैंक प्रबंधन ने 8 जून को उसके खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का 1 लाख 79 हजार 5 सौ 47 रूपया जमा किया था। ऐसे में कर्ज के बोझ तले दबे किसान की आत्महत्यामामले में प्रशासन द्वारा किये गये लीपापोती के प्रयास का कलई खुल गया।

किसान आत्महत्या के इस मामले में शनिवार को मरवाही विधायक अमित जोगी के निर्देश पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे ने पेण्ड्रा में रैली निकालकर थाने का घेराव किया। 

इस घेराव में मृतक किसान की मांए पत्नीए भाई एवं अन्य परिजन भी शामिल हुए। इस दौरान शोक में डूबे हुए मृतक किसान की मां, पत्नी और भाई  ने रोते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कहा कि दोषियों को दंड दिया जाए और उनके साथ न्याय किया जाये।

उन्होंने कहा कि मृत्यु दिनांक को मृतक सुरेश पर 1 लाख 79 हजार 2 सौ 27 रुपए का कर्ज था जिसे पटाने के लिए नोटिस जारी करके उसपर दबाव बनाया जाता था और इसी दबाव से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर लिया। इस आत्महत्या को प्रशासन झुठला, नहीं बल्कि उनके साथ न्याय करें। 

थाने का घेराव करके जकांछ नेताओं ने किसान आत्महत्या के लिए शासन प्रशासन को दोषी मानकर मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, सहकारिता मंत्री, कोआपरेटिव सोसाइटी के मैनेजर, फसल बीमा कंपनी के अधिकारी, पटवारी, तहसीलदार के खिलाफ  फआईआर दर्ज करने एवं परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा एक सदस्य को नौकरी, चारों लड़कियों की पढ़ाई व शादी की जिम्मेदारी लेने की मांग किया है।

घेराव में शामिल मृतक किसान की मां मानमती बाई, पत्नी भगवती बाई, भाई मोहन सिंह मराबी एवं अन्य परिजनों सहितसभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर छोड़ दिया। 

Tags:    

Similar News