प्रशासन को चकमा देकर पीड़ित परिवारों से मिले किसान नेता

आज जब पुलिस गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी में व्यस्त थी;

Update: 2017-06-14 14:10 GMT

मंदसौर। आज जब पुलिस गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी में व्यस्त थी, उसी समय अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव पूर्व सांसद हन्नान मौल्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने ना सिर्फ नीमच और मंदसौर का दौरा किया, बल्कि दो प्रभावित परिवारों से मुलाकात भी की। इस प्रतिनिधि मंडल में किसान सभा के अध्यक्ष आमरा राम व माकपा के राज्यसभा सांसद सोम प्रसाद भी शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेता बीजू कृष्णन ने देशबन्धु को बताया, कि उनका प्रतिनिधिमंडल राजस्थान के रास्ते से नीमच में घुसा, वे सीधे सड़क मार्ग न होते हुए गांव के कच्चे रास्ते से अंदर गए।

एक दो जगह उन्हें पुलिस मिली भी, एक जगह पुलिस ने उन्हें रोककर पूछा, कि क्या वे कांग्रेस के नेता हैं, इन लोगों ने मना कर दिया, बाद में पूछा कहां जा रहे हैं, तो एक साथी ने बताया, मंदिर जा रहे हैं। इसके बाद कोई पूछताछ नहीं की गई। किसान नेताओं ने नीमच जिले के नयाखेड़ा में मारे गए चैन राम पाटीदार और मंदसौर जिले के बरखेड़ापंत के मारे गए अभिषेक पाटीदार के परिवारों से मुलाकात की।

किसान नेता ने बताया कि गांव में भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, पर उन्होंने गाड़ी काफी दूर रख दी थी, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ। दल में शामिल लोगों ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की।

ग्रामीणों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि पिछले साल तो उन्हें अपनी उपज का सिर्फ 60फीसदी ही दाम मिल पाया था और इस बार नोटबंदी के चलते सोयाबीन जो पांच से छह हजार रुपये प्रति क्विंटल बिकता था, उसे दो हजार रुपये की दर पर बेचना पड़ा। यही हाल बाकी फसलों का भी रहा। 

पीड़ितों ने बताया कि गोलीकांड को एक सप्ताह गुजर गया है, मगर अब तक किसी भी अधिकारी व क्षेत्रीय सांसद या विधायक ने उनका हाल जानने की जहमत नहीं उठाई। इस क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती है और किसानों को 'धमकाया' भी जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल में किसान सभा के  बीजू कृष्णन, कृष्ण प्रसाद, गुरुचरण सिंह मोर व जसविंदर सिंह भी शामिल थे।

किसान सभा के नेताओं ने सरकार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घोषित एक करोड़ रुपये का मुआवजा तुरंत देने और पीड़ित परिवार के एक बालिग को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की भी मांग की है। 

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