फर्जी सीबीआई अधिकारी को तीन साल की सजा

फर्जी सीबीआई अधिकारी अनिरुद्ध सिंह परस्ते ने फरियादी लीलावती को बताया कि वह सीबीआई के डिप्टी कमिश्नर के पद पर पदस्थ है। अभियुक्त ने फरियादी से फर्जी सीबीआई डिप्टी कमिश्नर बनकर नौकरी लगवाने का झांसा दिया;

Update: 2023-01-26 04:45 GMT
गजेन्द्र इंगले
 
भोपाल/ उमरिया: उमरिया जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो साल पुराने मामले में सीबीआई का डिप्टी कमिश्नर बनकर धोखाधड़ी करने वाले शख्स को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोप सिद्ध होने पर के साथ जुर्माना भी लगाया है। सजा पाने वाले शख्स पर फरियादी लीलावती एवं उसके भाई शिवम यादव से नौकरी लगवाने के लिए लगभग 2,35,000 रुपये हड़पने का दोष सिद्ध हुआ है। 
 
फरियादी लीलावती यादव जिला अस्पताल उमरिया में अस्थाई तौर पर सहायक स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत थी। उसकी जान-पहचान अभियुक्त अनिरुद्ध सिंह परस्ते से फरियादी की ही सहेली शीलू सिंह श्याम ने साल 2020 में कराई थी। अभियुक्त अनिरुद्ध सिंह परस्ते ने लीलावती को बताया कि वह सीबीआई के डिप्टी कमिश्नर के पद पर पदस्थ है। अभियुक्त ने फरियादी से फर्जी सीबीआई डिप्टी कमिश्नर बनकर नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
 
 फरियादी ने अभियुक्त से कहा कि आप इतने बडे पद पर हैं, मेरी और मेरे भाई की नौकरी लगवा दीजिए। इसके बाद फरियादी की ज़रूरत को भांपते हुए अभियुक्त ने फरियादी लीलावती एवं उसके भाई शिवम यादव से नौकरी लगवाने के लिए लगभग 2,35,000 रुपये हड़प लिए।
 
इसे लेकर पुलिस थाना कोतवाली उमरिया में अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क्रमांक 389/2021 पर भा.दं.सं. की धारा 420 एवं आईटी एक्ट की धारा 66डी के अंतर्गत मामले में दर्ज किया गया। मामले की जांच करने के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
 

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