आपातकाल भारतीय इतिहास का 'सबसे काला अध्याय'

आपातकाल के 44 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने आज 19 महीने लंबी आपातकाल की अवधि की आलोचना की और इसे भारत के इतिहास का 'सबसे काला अध्याय' बताया;

Update: 2019-06-25 15:40 GMT

नई दिल्ली । आपातकाल के 44 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने आज 19 महीने लंबी आपातकाल की अवधि की आलोचना की और इसे भारत के इतिहास का 'सबसे काला अध्याय' बताया। आपातकाल की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने ट्विटर पर कहा, "महज सत्ता में बने रहने के लिए इस दिन कांग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या की थी।"

वर्ष 1975 में, आज के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा की गयी आपातकाल की घोषणा, भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है।
मैं नमन करता हूँ, उन सत्याग्रहियों को जिन्होंने मज़बूती से इस अंधकाल में लोकतंत्र की आग को जलाये रखा था। pic.twitter.com/W9F8Q27ikE

— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2019


 

उन्होंने कहा, "भारतीय जनृसंघ और आरएसएस के हजारों अनसुने नायकों को एक कृतज्ञ राष्ट्र याद कर रहा है, जिन्होंने आपातकाल विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'आपातकाल के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खत्म होने और समाचार पत्रों को बंद करने' को याद किया।

उन्होंने ट्वीट किया, "आपातकाल के खिलाफ लाखों राष्ट्रवादियों को देश में लोकतंत्र की स्थापना के लिए कष्ट उठाना पड़ा। मैं उन सभी योद्धाओं को उनके बलिदान के लिए सलाम करता हूं।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपातकाल व इसके बाद की घटनाओं को भारतीय इतिहास का 'सबसे काला अध्याय' बताया।

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "इस दिन हम भारत के लोगों को अपने संस्थानों व संविधान की अखंडता को कायम रखने के महत्व को याद रखना चाहिए।"

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