2 केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में हुआ बिजली खरीद अनुबंध
वेंकैया नायडू और पीयूष गाेयल की उपस्थिति में राज्य ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम रीवा अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट और दिल्ली मेट्राे रेल कॉरपोरेशन के बीच करार;
भोपाल। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गाेयल की उपस्थिति में आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम रीवा अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट और दिल्ली मेट्राे रेल कॉरपोरेशन के बीच बिजली खरीद से संबंधित ऊर्जा क्रय करार (पीपीए) हुआ।
इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। करार के तहत डीएमआरसी रीवा प्रोजेक्ट से उत्पादित होने वाली 24 फीसदी ऊर्जा 2.97 रुपए प्रति यूनिट की दर पर क्रय करेगा।
इस मौके पर गोयल ने कहा कि मध्यप्रदेश में बिजली की अधिकता है, इसके बावजूद नवकरणीय ऊर्जा को जिस प्रकार प्राथमिकता दी गई है, उसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में सौर ऊर्जा विकसित करने की सोची, तब उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इस पर पहले ज्यादा लागत का अनुमान लग रहा था, लेकिन उन्होंने 2.97 रुपए प्रति मिनट जैसी सस्ती दर पर कामयाबी हासिल की।
उन्होंने इसके पीछे सभी हितधारकों के साथ साझेदारी, निर्णायक नेतृत्व, परिणाममूलक दृष्टिकोण, बुनियादी विश्लेषण, पारदर्शिता, समयबद्ध निष्पादन, अभिनव वित्तपोषण और तकनीक केंद्रित पहुंच को श्रेय दिया।
उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन साल में देश में सौर ऊर्जा करीब साढ़े चार गुना बढ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक एक लाख मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस मौके पर मौजूद श्री नायडू ने तीन रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि डीएमआरसी को अब लगभग आधी कीमत पर बिजली उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि रीवा में इस प्रकार का संयंत्र आने से वहां विकास गतिविधियां तेज होंगी और उनका मानना है कि उस क्षेत्र में एक हवाईअड्डा भी बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों को 'रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म' का मंत्र दिया है और मध्यप्रदेश इसमें अच्छा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन सरकार का मानना है कि विकास जिम्मेदारी के साथ हो, इस सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद सौर ऊर्जा के लाभ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस ओर कदम बढ़ाया और अब सौर ऊर्जा के मामले में प्रदेश पूरे देश में अगुवाई करने की स्थिति में है।