9 नवंबर को हिमाचल में चुनाव, गुजरात की तिथि तय नहीं 

चुनाव आयोग ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है लेकिन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनावों की तिथि की घोषणा नहीं की;

Update: 2017-10-12 23:35 GMT

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है लेकिन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनावों की तिथि की घोषणा नहीं की। कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनावों के तिथि की घोषणा नहीं करने पर केंद्र सरकार पर चुनाव आयोग पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। 

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो रहा है। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ए. के. जोति ने चुनाव की तिथि की घोषणा करते हुए बताया कि नामांकन भरने की तिथि 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर होगी।

चुनाव केवल एक दिन नौ नवंबर को कराया जाएगा और वोटों की गिनती 18 दिसंबर को करायी जाएगी।

जोति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है जिसके अंतर्गत सरकार कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले सकती। उसी तरह केंद्र सरकार भी हिमाचल प्रदेश के लिए कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती। यहां 49 लाख से ज्यादा मतदाता हैं जिनके लिए 7,479 से ज्यादा मतदाता केंद्र बनाए जाएंगे।

68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल सात जनवरी 2018 को और 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी को समाप्त होने वाला है।

मुख्य चुनाव आयुक्त से पत्रकारों ने गुरुवार को जब गुजरात चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं करने के संबंध में सवाल पूछा और कहा कि क्या यह कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके गृहराज्य में अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए समय देने के लिए तो नहीं किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि गुजरात में नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली से इसका कोई संबंध नहीं है और गुजरात विधानसभा चुनावों में देरी की वजह कुछ तकनीकी एवं अन्य कारण है। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल में वोटों की गिनती से पहले गुजरात में विधानसभा चुनाव करा लिए जाएंगे। 

जोति ने कहा, "मूल सिद्धांत यह है कि कम अंतराल में होने वाले चुनावों में एक राज्य के वोटिंग पैटर्न का असर दूसरे राज्य में होने वाले चुनाव पर नहीं पड़ना चाहिए। हिमाचल के नतीजे आने से पहले गुजरात में चुनाव हो चुके होंगे।"

उन्होंने कहा कि 25-26 सितंबर को चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल के हिमाचल दौरे के दौरान, राज्य प्रशासन ने चुनाव आयोग से मध्य नवंबर तक चुनाव करवाने का आग्रह किया था क्योंकि कुछ जिलों में दिसंबर से ही बर्फबारी होने लगती है और इस वजह से मतदाताओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह भी हिमाचल में 15 नवंबर से पहले चुनाव कराने की वजह है।

जोति ने कहा कि वहीं दूसरी ओर गुजरात राज्य प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में पुनर्वास का कार्य और 17 जगहों से टूटे नर्मदा नहर पर पुनस्र्थापना कार्य की वजह से चुनाव बाद में करवाने की मांग की थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में वीवीपैट मशीन लगाए जाएंगे ताकि मतदाता यह देखने में सक्षम हों कि उन्होंने किस पार्टी, चुनाव चिह्न्् एवं उम्मीदवार को वोट दिया है।

वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव पैनल से तत्काल गुजरात चुनावों की तिथि की घोषणा कराने और आचार संहिता लागू करने की मांग की है।

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